फतेहपुर, मो. शमशाद । महान देश भक्त एवं दानवीर शिरोमणि भामाशाह जी का 477 वां जन्मदिन अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के पदाधिकारियों ने धूमधाम से मनाया। उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दोहराते हुए एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर मुंह मीठा किया। कैंप कार्यालय पीलू तले चौराहे पर अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद ने महान देशभक्त दानवीर भामाशाह का जन्मदिन मनाया। अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष अरूण जायसवाल एडवोकेट ने कहा कि समाज ऐसे महापुरूष का जन्मदिवस मना रहा है जिसने सात पीढ़ियों का सचिंत धन राष्ट्र रक्षा हेतु राष्ट्र के स्वतंत्रता सेनानी महाराणा प्रताप को सविनय पूर्वक समर्पित कर दिया जो समाज के लिए अनुकरणीय है। महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष कविता रस्तोगी ने कहा कि 28 जून 1546 को मेवाड़ राजस्थान में जन्मे भामाशाह महाराणा प्रताप के अच्छे मित्र व सलाहकार थे। जब महाराणा प्रताप को युद्ध के लिए धन की आवश्यकता होती थी, तब भामाशाह जी अपने कोष से आर्थिक मदद करते थे। जिससे वह अपनी सेना का संगठन
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दानवीर भामाशाह के जन्मदिन पर गोष्ठी में हिस्सा लेते परिषद के पदाधिकारी। |
करते थे। राष्ट्रीय प्रधान महासचिव विनोद कुमार गुप्त ने कहा कि भामाशाह की दानवीरता के चर्चे आस-पास के क्षेत्रों में भी होते थे। हल्दी घाटी के युद्ध में पराजित महाराणा प्रताप के लिए उन्होने अपनी निजी सम्पत्ति से इतना अधिक दान दिया जिससे बीस हजार सैनिकों का बारह वर्षों तक निर्वाह हो सकता था। सहयोग से महाराणा प्रताप में नया उत्साह का संचार हुआ और उन्होने पुनः सैन्य शक्ति संगठित कर मुगल शासकों को पराजित कर मेवाड़ राज्य प्राप्त किया। युवा जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शरन सिंपल ने कहा कि ऐसे महापुरूषों के जन्म दिवस मनाकर हम सभी समाज के महापुरूषों की यादों को नई पीढ़ी के बीच लाने का प्रयास करते हैं। इस मौके पर वेद प्रकाश गुप्त, विनय फौजी, राजीव, संजय गुप्त, अमित गुप्त, नारायण गुप्त, विनोद मोदनवाल, दिलीप मोदनवाल, संतोष साहू, सत्येंद्र अग्रहरि भी मौजूद रहे।
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