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Saturday, June 1, 2024

सपाईयों ने राजमाता अहिल्याबाई होलकर की मनाई जयंती

उनके योगदान पर चर्चा कर डाली रोशनी 

फतेहपुर, मो. शमशाद । भारतीय इतिहास की प्रसिद्ध शासिका राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 299 वीं जयंती समाजवादी पार्टी कार्यालय में मनाई गई। सभी ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके योगदान पर चर्चा कर विस्तृत रोशनी डाली। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह यादव ने की। जिलाध्यक्ष ने राजमाता के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मंदिर बनवाए, घाट बंधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया। मार्ग बनवाए व भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्यक्षेत्र) खोले। आत्म-प्रतिष्ठा के झूठे मोह का त्याग करके सदा न्याय करने का प्रयत्न करती रहीं। ये उसी परम्परा में थीं जिसमें उनके समकालीन पूना के न्यायाधीश रामशास्त्री थे और उनके पीछे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हुई। अपने जीवनकाल में ही इन्हें जनता ‘देवी’ समझने और कहने लगी थी। इतना बड़ा

राजमाता अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर पुष्प अर्पित करते सपाई।

व्यक्तित्व जनता ने अपनी आँखों देखा ही कहां था। जब चारों ओर गड़बड़ मची हुई थी। शासन और व्यवस्था के नाम पर घोर अत्याचार हो रहे थे। प्रजाजन-साधारण गृहस्थ, किसान मजदूर-अत्यन्तहीन अवस्था में सिसक रहे थे। उनका एकमात्र सहारा धर्म, अंधविश्वासों, भय त्रासों और रूढ़ियों की जकड़ में कसा जा रहा था। न्याय में न शक्ति रही थी, न विश्वास। ऐसे काल की उन विकट परिस्थितियों में अहिल्याबाई ने जो कुछ किया और बहुत किया वह चिरस्मरणीय है। गोष्ठी का संचालन महासचिव चौधरी मंजर यार ने किया। इस मौके पर जयकरण यादव, सियाराम यादव, कपिल यादव, अनिरुद्ध यादव, अजय लोहिया, कामता प्रसाद, वीरेंद्र यादव, रावेंद्र कुमार, देवी दयाल, कामता यादव, सुहैल खान, सुमित साहू, राजेश बाल्मिकी आदि लोग मौजूद रहे।


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