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Thursday, July 4, 2024

गरीबों का हिस्सा डकार रहे प्राइवेट स्कूल

फतेहपुर, मो. शमशाद । भारत सरकार की ओर से आरटीई योजना को शुरू करने का उद्देश्य गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना है। गरीब बच्चों को किसी भी स्थिति में उसे सरकारी स्कूल में ही पढ़ना पड़ता है। इस योजना के तहत आप उन्हें प्राइवेट स्कूलों में भी 25 प्रतिशत का आरक्षण मिल सकेगा। सरकार द्वारा जारी इस एक्ट के अनुसार 6 से 14 वर्ष के आयु को बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा अनिवार्य कर दिया गया है। इन स्कूलों में पढ़ने के लिए छात्रों को कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ेगा। प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई बच्चों को जितने सारे सुविधा मिलती है वह सारी


सुविधाएं इस योजना के तहत चयनित बच्चों को भी मिल सकेगी। इस नियम से बचने के लिए प्राइवेट स्कूलों द्वारा सरकारी साइड में विद्यालय में उपस्थित बच्चों की संख्या कम दिखाई जा रही है जिससे उपस्थित बच्चों की संख्या के अनुसार 25 प्रतिशत आरटीई नियम के बच्चों का एडमिशन कम करना पड़े। युवा विकास समिति के युवा विकास समिति अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि जनपद में सभी प्राइवेट स्कूलों का सर्वे किया जाए और बच्चों की वास्तविक संख्या को साइड में दर्शाया जाए जिससे कि आरटीई नियम के तहत अधिक बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश मिल सके।


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