शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 346 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी आयोजित
फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन केपी सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना में अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- सरस्वती मां आइये, कविजन करें पुकार। कविता में रस, छंद भर, करो नवल श्रृंगार।। कार्यक्रम को गति देते हुए कविता पढ़ी रक्षाबंधन है बड़ा, सनातनी त्योहार। भाई-बहनों का छिपा, इसमें प्रेम अपार।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से
काव्य गोष्ठी में हिस्सा लेते कवि एवं साहित्यकार। |
कुछ इस प्रकार अपने भाव व्यक्त किये-अहो मानव ,तुम उच्च उदार, लिए नित मानवता का भार। तुम्हीं नर-संस्कृति के आधार, तुम्हीं जग-जीवन के उपहार।। दिनेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया बहना द्वारा जब एक सूत्र, भाई के कर बंध जाता है। तब धर्म-जाति के भेद छोड़, भाई कर्तव्य निभाता है।। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये जाति-धर्म ना देखता, रक्षाबंधन पर्व। हर बहना को है सदा, निज भाई पर गर्व।। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये भाई बहना का प्रेम अमिट, रक्षाबंधन बतलाता है। लक्ष्मी, द्रौपदी, कर्मावती, बहनों की याद दिलाता है।। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजक ने आभार व्यक्त किया।
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