मंदाकिनी नदी से जल लेकर बामदेवेश्वर पर्वत पहुंचे कांवड़िया
बामदेवेश्वर शिवलिंग का किया जलाभिषेक, गूंजा हर-हर-बम-बम
अतर्रा चुंगी स्थित मैरिज हाल से लाव-लश्कर के साथ रवाना हुए कांवड़िया
रास्ते में जगह-जगह जाम लगने से कांवड़ियों को हुई परेशानी
बांदा, के एस दुबे । सावन महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। श्रद्धालु पूरे वर्ष सावन माह के आगमन का इंतजार करते हैं। सावन माह शुरू होते ही देवालयों और शिवालयों में धार्मिक अनुष्ठानों का दौर तेज हो गया है। सोमवार को शहर के अतर्रा चुंगी स्थित एक मैरिज हाल से कांवड़ यात्रा बामदेव पर्वत पर विराजमान भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई। तमाम परेशानियों से जूझते हुए कांवड़िया बामदेवेश्वर पर्वत पहुंचे और वहां पर भगवान शिव का विधिवत जलाभिषेक किया। कांवड़ यात्रा के शहर भ्रमण के दौरान श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की। कांवड़ियों का जोरदार तरीके से स्वागत करते हुए भगवान शिव का गगनभेदी जयघोष लगाया।
शिव भजनों की धुन पर थिरकते कांवड़िया |
कांवड़ यात्रा अतर्रा चुंगी से शुरू होकर बाबूलाल चौराहा, मुख्य बाजार से होते हुए कालवनगंज चौकी के समीप पहुंचे। वहां से हर-हर-बम-बम का जयघोष लगाते झूमते हुए शिवभक्त बामदेवेश्वर पर्वत पर पहुंचे। वहां पदयात्रा कर धर्मनगरी चित्रकूट में प्रवाहित मां मंदाकिनी से लाए गए पवित्र जल से कांवड़ियों ने भगवान बामदेवेश्वर शिव का जलाभिषेक किया। मंदिर पुजारी व कमेटी के सदस्यों ने कांवड़ियों के आगमन को लेकर बेहतर इंतजाम किए थे। कांवड़ यात्रा जिस मार्ग से गुजरी, लोगों ने अपने घरों के बाहर और सड़क के दोनों छोर पर खड़े होकर स्वागत करते हुए पुष्प वर्षा की। एक तरफ कांवड़िये कांधे पर जल लेकर चल रहे थे, दूसरी तरफ श्रद्धालु हर-हर-बम-बम का जयघोष लगा रहे थे। कांवड़ यात्रा में भोलेनाथ, माता पार्वती और उनके परिवार की झांकी भी वाहन में साथ चल रही थी, वो आकर्षण का केंद्र रही। इधर, सुबह नौ बजे से ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। लगभग 11 बजे कांवड़ यात्रा शुरू की गई। इसके पहले ही अलीगंज लगे जाम में कांवड़िया पहुंच गए और जबरदस्त जाम लग गया। जाम लगने की वजह से कांवड़िया तकरीबन आधा घंटा तक जाम में फंसे रहे। इस दौरान कोई भी ट्रैफिक सिपाही या पुलिस कर्मी वहां नजर नहीं आए।
कलश में जल लेकर बामदेवेश्वर मंदिर जाता कांवड़िया
नगर पालिका चेयरमैन ने कांवड़ियों का किया स्वागत
बांदा। सावन माह में में शिवभक्तों द्वारा तपोस्थली प्रसिद्ध चित्रकूट तीर्थ से कांवड़ में जल भरकर आयी कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हुए पालिकाध्यक्ष मालती गुप्ता बासू की देखरेख में अतर्रा चुंगी चौकी स्थित मैरिज हाल से कांवड़ यात्रा रवाना हुई। सभी कांवड़ियों को माल्यार्पण पुष्प वर्षा व प्रसाद भोजन आदि करते हुए आगे जलाभिषेक के लिए सुंदर झांकियां, नृत्य मंडली के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों बाबूलाल चौराहे, गूलर नाका से होते हुए महेश्वरी देवी मंदिर से बामदेव मंदिर पहुंची। कानपुर से आयी नृत्य मंडली आकर्षण का केंद्र रही। इस आयोजन में पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि अंकित बासू, भाजयुमो नेता राहुल सिंह, सभासद आशीष गुप्ता, वरिष्ठ सभासद राकेश गुप्ता, सभासद योगेन्द्र, सभासद मनीष रैकवार, प्रतिनिधि सदर विधायक रजत सेठ, समाजसेवी अमित सेठ भोलू, पालिका कर्मचारी अधिकारी व सैकड़ों शिव-भक्त मौजूद रहे।
बामदेवेश्वर मंदिर की ओर जाते कांवड़िया
सावन के तीसरे सोमवार को पहुंचा श्रद्धालुओं का रेला
- श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर पुलिस तैनात रही, व्यवस्थाएं रहीं दुरुस्त
बांदा। सावन में शिव पूजा के लिए लालायित श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ भोर होते ही बामदेवेश्वर पर्वत पहुंच गए। वहां पर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा थी। गुफा से लेकर पर्वत के नीचे सीढि़यों तक में श्रद्धालु लाइन लगाए खड़े हुए थे। पुलिस के पहरे में श्रद्धालुओं को शिवदर्शन कराया गया। मंदिर कमेटी की ओर से बाकायदा बैरिकेडिंग लगाई गई थी। सुरक्षा के लिहाज से कतारबद्ध श्रद्धालु बारी-बारी से भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए गुफा के अंदर पहुंचे। मंदिर में लगाए गए स्वयंसेवियों ने चंद मिनट ही श्रद्धालुओं को गुफा के अंदर रुकने दिया और व्यवस्था को संभाले रखा। इधर, श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का गंगाजल, दूध आदि से अभिषेक करते हुए पूजा-अर्चना की। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस भी बामदेवेश्वर पर्वत पर स्थित शिव मंदिर परिसर में तैनात रही। मालुम हो कि 16 सीसीटीवी कैमरों से शिव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की निगरानी की जा रही है। इधर, बामदेवेश्वर मंदिर में शिवलिंगों का रुद्राभिषेक भी किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पुलिस मौके पर तैनात रही। मंदिर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से भी श्रद्धालुओं के आवागमन की निगरानी की जाती रही। ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो सके।
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