देवेश प्रताप सिंह राठौड़
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश झांसी। विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड एक्टिव स्टार्टअप इनक्यूबेशन काउंसिल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. संजय श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, को मेंटर के रूप में आमंत्रित किया गया। डॉ. संजय श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि स्टार्टअप्स को सफल होने के लिए सही मार्गदर्शन और प्रेरणा की आवश्यकता होती है। उन्होंने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार किस प्रकार से स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और स्टार्टअप्स किस प्रकार से तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बेसिक इनक्यूबेशन काउंसिल के प्रमुख प्रो. सुनील कुमार कबिया ने बताया कि स्टार्टअप्स को अपने बिजनेस मॉडल को स्केल करने के लिए किन-किन तकनीकों का उपयोग करना चाहिए और कैसे वे अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्टार्टअप्स को निरंतर नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।
प्रो. सुनील कुमार कबिया ने अपने विचार रखते हुए कहा, "अगर आप ठान लें, तो कुछ भी कर सकते हैं, कुछ भी नामुमकिन नहीं है।" उन्होंने बेसिक इनक्यूबेशन काउंसिल को अत्याधुनिक बनाने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इसकी शुरुआत आज से हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बेसिक इनक्यूबेशन काउंसिल स्टार्टअप्स को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बेसिक इनक्यूबेशन काउंसिल के 29 स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया और अपने अनुभवों को साझा किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्टार्टअप्स को प्रेरित करना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना था। इस अवसर पर प्रो. विनीत, डॉ लवकुश द्विवेदी ने भी अपने विचार रखे, डॉ संजय निभोरिया,शशांक चंद्रा, निकित अरोड़ा, अपेक्षा चौबे, प्रथम चौधरी, सागर यादव, चंद्र प्रकाश, अशोक अग्रवाल, तरुण द्विवेदी, अभिनव आदि उपस्थित रहे।
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