श्री शिव महापुराण कथा
आज ईश्वर प्रेम आश्रम केशव नगर में श्री शिव महापुराण कथा का शुभारंभ
कथा व्यास संत प्रतिमा प्रेम जी ने ओम नमः शिवाय मंत्र से प्रारंभ किया।
कानपुर, संवाददाता - संत प्रतिमा प्रेम ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि श्रवण मास में भगवान शंकर मृत्युलोक में विचरण करते है इसी कारण श्रवण मास में भगवान शंकर की पूजा एवम महापुराण कथा अत्यंत शुभ एवम फलदाई होती है।कोई भी व्यक्ति चाहे जितना दुराचारी या पापी हो शिव महापुराण की कथा श्रवण से एवम शिव का नाम जपने से उसके पाप समाप्त हो जाते है और वह शिव लोक को प्राप्त होता है।भगवान शिव भोले है बस स्मरण मात्र से प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते है।शिव लिंग की पूजा सबसे उत्तम मानी गई है और किसी भी वर्ण का कोई भी व्यक्ति शिव की पूजा कर सकता है।शिव लिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं किया जाता है किंतु जिसे दूर से अर्पण करते है उसको ग्रहण कर सकते है। बेल के वृक्ष के नीचे किया हुआ दान दरिद्रता दूर करता है। संत प्रतिमा
प्रेम ने बताया कि आज मनुष्य अपने धर्म का पालन न कर केवल धन कमाने के लिए कोई भी पाप करने को तैयार है। वह दूसरों की अच्छाइयों से प्रेरित न होकर उसके अवगुणों को ग्रहण करने को तत्पर है। पश्चताप पापों से मुक्त होने का आसान साधन है। कथा में प्रमुखरूप से कथा यजमान श्रीमती आराधना द्विवेदी, साध्वी रेनू, गीता बंसल, ज्योति गुप्ता,निमिषा गुप्ता, शोभा त्रिवेदी, नीलम मिश्रा, सुमन बाजपेई, जया, स्वेता, नेहा अवस्थी राजेन्द्र अवस्थी,श्याम बिहारी शर्मा, राज कुमार शर्मा,चन्द्र भूषण मिश्रा, महेश अवस्थी, दुर्गा प्रसाद अग्निहोत्री, पवन, कमलेश पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
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