चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन बड़ा ही संघर्ष में रहा। बचपन में अपने पिता की चाय की दुकान में उनकी मदद करना व बाद में स्वयं का स्टाल चलाने से लेकर आठ वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आ गये। नियमित शाखा में जाना, संघ के कार्य में रुचि लेने के कारण संघ में सबको प्रिय हो गये। शुक्रवार को ये विचार भाजपा नेता शक्ति प्रताप सिंह तोमर ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युग पुरुष की संज्ञा बतौर कही। बताया कि स्नातक की पढ़ाई बाद घर छोड़कर भारत की धार्मिक, पौराणिक व सांस्कृतिक स्थान पर पहुंचकर भारत को समझा। दो वर्षों बाद जब वह गुजरात लौटे तो वह अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्ण कालिक प्रचारक बतौर कार्य शुरू किया। 1975 में आपातकाल दौरान उन्हें योजनाबद्ध ढंग से कुछ दिनों को अज्ञातवास पर रखा। 1985 में भाजपा से जुड़कर विभिन्न दायित्व में संगठनात्मक कार्य में रुचि बढ़ाने से महत्वपूर्ण पदों पर निर्वहन किया। 2001 में गुजरात में भूकंप से भारी जन-धन की हानि हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री केशु भाई पटेल के स्वास्थ्य खराब होने से मोदी को सन 2001
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। |
में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बतौर गुजरात की बागडोर सौंपी गई। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने शीघ्र ही विधाई विधानसभा से चुनाव भी जीता। 2002 में गोधरा कांड में उनके प्रशासन को कठोर माना गया। उनकी प्रशासनिक निंदा भी की गई। सर्वोच्च न्यायालय से गठित एसआईटी की जांच में निर्दोष साबित हुए। गुजरात में उनकी नीतियों व आर्थिक विकास में उनके कार्यों की जमकर सराहना हुई। गुजरात को विकास के पथ पर आगे लेकर मोदी जी चल पड़े। उनके अच्छे कार्यों के चलते गुजरात की जनता ने उन्हें चार बार मुख्यमंत्री बनाया। नरेंद्र मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की। मौजूदा समय में 2014 से लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। मोदी विश्व के सबसे ताकतवर और लोकप्रिय नेता हैं।
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