केवल यहीं मिलता है फल
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । तीर्थक्षेत्र की पावन धरती पर भगवान श्रीराम के वनवास काल की गूंज आज भी सुनाई देती है। यहां कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर मिलने वाला विशेष कंदमूल फल धार्मिक मान्यता अनुसार भगवान श्रीराम ने वनवास काल में सेवन किया था। भक्तजन इसे भगवान का प्रसाद मानते हुए न केवल सेवन करते हैं, बल्कि अपने साथ घर भी ले जाते हैं। रविवार को कंदमूल फल का खुलासा हुआ। बताया गया कि इस क्षेत्र में खासतौर से ये फल पाया जाता है। धार्मिक श्रद्धा व पौष्टिकता का प्रतीक लोग मानते है। ये फल अन्यत्र कहीं नहीं मिलता। इसे केवल
कंदमूल फल बेंचता दुकानदार। |
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर बेंचा जाता है। दुकानदारों के अनुसार ये फल नासिक से मंगवाया जाता है। चित्रकूट आने वाले भक्त विशेष रूप से खाते हैं। धार्मिक महत्व के अलावा कंदमूल स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर माना जाता है। हर दुकानदार इस फल को दस रुपये प्रति पीस के हिसाब से बेंचता है। श्रद्धालु इसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करने के साथ घर ले जाते हैं। भक्तों का मानना है कि कंदमूल भगवान श्रीराम के आशीर्वाद के साथ पोषक तत्वों से समृद्ध है। इसे ग्रहण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर मिलने वाला ये फल श्रद्धालुओं के लिए आस्था व श्रद्धा का प्रतीक बना है।
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