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Saturday, November 16, 2024

एक साल में 192 किसानों ने की आत्महत्या, 75 महिलाएं शामिल

90 फीसद कर्जदार, 70 फीसद परिवारों ने किया पलयान

समिति की सर्वे रिपोर्ट व समाचार पत्रों से मिले आंकड़े

प्राकृतिक खेती अपनाने व नशामुक्ति से आत्महत्याओं पर लगेगी रोक

बांदा, के एस दुबे । विद्याधाम समिति द्वारा आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में कार्यकर्ता प्रभा मिश्रा व अर्चना कुशवाहा ने सामूहिक रूप से एक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें बताया कि पिछले एक साल में जनपद में 192 किसानों ने आत्महत्या की है। इसमें 75 महिलाएं हैं। 90 फीसद किसानों पर बैंकों व साहूकारों का कर्ज है। 70 फीसद परिवारों से लोग महानगरों को पलायन कर गए हैं। पिछले दो वर्षों से अधिकतर ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम ठप हैं। धरती का तापमान बढ़ा और जल स्तर कम हुआ है। बेमौसम बारिश होती है। फसलें सूख जाती हैं।

परिचर्चा को संबोधित करते वक्ता

अतर्रा स्थित समिति स्थित कार्यालय परिसर में शनिवार को बुंदेलखंड के प्रमुख मुद्दों एवं क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा हुई। जनसंवाद कार्यक्रम में संस्था की सर्वे रिपोर्ट सुनकर दिल्ली से आए वरिष्ठ लेखक भारत डोगरा भी दंग रह गए। कहा कि आत्महत्या रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में स्थिति बहुत भयावह हो जाएगी। कर्ज में डूबे किसान को उबरने के लिए प्राकृतिक खेती शुरू करनी होगी। इससे खेती की लागत कम होगी। महाराष्ट्र में किसानों ने जैविक खादों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। थोड़ी सी भूमि पर किचन गार्डेन तैयार करके अपने उपयोग के लिए सब्जियां उगाई जा सकती है। साथ ही संगठन को मजबूत बनाएं। एक-दूसरे के सुख दुख में शरीक हों। उन्हें हिम्मत दिलाएं। ताकि लोगों के मन में आत्महत्या जैसा ख्याल न आए। बुंदेलखंड में गुटखा, शराब, बीड़ी-सिगरेट, पान मसाला इत्यादि नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। महिलाओं में यह प्रवृत्ति बढ़ी है। इस पर
मौजूद महिलाएं व अन्य।

अंकुश लगाने की जरूरत है। समिति मंत्री राजाभइया ने कहा कि आंकड़ों का स्रोत समिति की सर्वे रिपोर्ट व समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से लिए गए हैं। संस्था ने वर्ष 2020 से आत्महत्याओं के आंकड़े इकट्ठा किए हैं। जिसमें आत्महत्या करने वालो की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। मंचासीन संगीताचार्य लल्लूराम शुक्ल, समाजसेविका माया श्रीवास्तव, पूर्व शिक्षक रामधनी यादव व भगवती प्रसाद, पूर्व प्रधान विजय बहादुर आदि ने अपने विचार रखे। संचालन करते हुए मुबीना खातून चिंगारी संगठन द्वारा समुदाय में किए जा रहे प्रयासों को बताया। कार्यकर्ता सीमा, वर्षा, इमरान अली, शिव कुमार, रीना, मुबीन आदि ने व्यवस्था संभाली। इस मौके पर भग्गू पुरवा, टिर्रा पुरवा, नग्नेधी, बछेई, नौगवां, बाबू पुरवा, अतर्रा ग्रामीण, बंजारा इत्यादि गांव के महिला-पुरुष शामिल हुए।


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