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Saturday, February 8, 2025

संवाद से समाधानः रेरूवा विद्यालय में छात्रों की शंकाओं का निवारण

रामनगर/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । उच्च प्राथमिक विद्यालय रेरुवा में शनिवार को संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों ने विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया। गोष्ठी का उद्देश्य था कि बच्चे अपनी स्वतंत्रता का सही उपयोग कैसे करें व सहपाठियों एवं परिवारजनों के साथ उचित व्यवहार बनाए रखें। शिक्षकों ने समझाया कि अपने व्यवहार से किसी को दुख नहीं पहुंचाना चाहिए व माता-पिता की सीख को सही संदर्भ में अपनाना चाहिए। विद्यालय के सहायक अध्यापक शिव भूषण त्रिपाठी ने समस्या पर चर्चा गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें चुनौतियों का सामना करने पर गतिविधि आधारित चर्चा की गई। कक्षा आठ के विद्यार्थियों से संवाद करते हुए बताया कि पढ़ाई की स्वतंत्रता का सही उपयोग करना आवश्यक है व प्रत्येक विषय से संबंधित प्रश्न पूछने में

 कक्षा आठ की छात्रा सरिता पांडेय

झिझक नहीं होनी चाहिए। यह भी समझाया कि खाली समय का सदुपयोग कैसे करें, जैसे पुराने पढ़े हुए पाठों से प्रश्न बनाकर आपस में पूछना व ज्ञान को बढ़ाना। विद्यार्थियों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनमें से एक प्रमुख समस्या थी कि घर और स्कूल दोनों में काम अधिक होने के कारण गृहकार्य पूरा नहीं हो पाता। इस पर शिक्षकों ने सलाह दी कि यदि यह सच है तो अध्यापकों से बिना संकोच इस बारे में बात करनी चाहिए, लेकिन यदि बहाना है तो जिम्मेदारी बढ़ सकती है। विद्यार्थियों ने इस पहल की सराहना की व अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। सरिता पांडेय (कक्षा 8) ने कहा कि यह सत्र बहुत लाभदायक रहा क्योंकि शिक्षकों ने सही मार्गदर्शन दिया। आकर्ष ओझा (कक्षा 8) ने माना कि उन्होंने किताबों से बाहर भी बहुत कुछ सीखा। गरिमा मिश्र (कक्षा 7) ने कहा कि उन्हें कक्षा में व्यवहार से संबंधित नई बातें सीखने को मिलीं। शिवांश (कक्षा 8) ने समझा कि शंकाओं को छिपाने के बजाय उन पर चर्चा करना चाहिए। आस्था (कक्षा 8) ने इसे अपने विचार व्यक्त करने का पहला अवसर बताया। वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवपूजन शुक्ला ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि सहायक अध्यापक शिव भूषण त्रिपाठी द्वारा समस्या पर चर्चा बैठक का आयोजन बच्चों के संकोच को दूर करने व उन्हें चिंतनशील बनाने की अच्छी पहल है। उनके नवाचारों से विद्यालय में सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है व यह प्रयास विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होगा।


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