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Saturday, February 8, 2025

कुंभ भगदड़ के विरोध में सीपीआई का प्रदर्शन

योगी सरकार से इस्तीफे की मांग

जल जीवन मिशन व राशन कार्ड पर भ्रष्टाचार

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । प्रयागराज कुंभ में हुई भगदड़ को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। सीपीआई जिला काउंसिल चित्रकूट के सैकड़ों कार्यकर्ता जिला सचिव अमित यादव एडवोकेट के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए तहसील मुख्यालय पहुंचे व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने ’मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, निर्दयी सरकार गद्दी छोड़ो, कुंभ के मृतकों की सूची घोषित करो जैसे नारे लगाते हुए सरकार पर लापरवाही व तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमित यादव एडवोकेट ने कहा कि कुंभ मेले में हुई भगदड़ में सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौत प्रशासन की नाकामी का नतीजा है। कहा कि हादसे के बाद से कई लोग लापता हैं,

 प्रदर्शन करते सीपीआई कार्यकर्ता

लेकिन सरकार व जिला प्रशासन मृतकों की आधिकारिक सूची तक जारी करने में विफल रही है। यह एक तानाशाही सरकार का प्रमाण है, जो दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।  सीपीआई नेता ने आरोप लगाया कि सरकार इस भगदड़ की सच्चाई छिपाने के लिए मीडिया और समाजसेवियों को कवरेज से रोक रही है। उन्होंने इसे असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी कृत्य बताते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शन में सीपीआई कार्यकर्ताओं ने जनपद में जारी खनिज दोहन, गड्ढायुक्त सड़कों, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार व आम जनता से अवैध वसूली जैसे कई मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। आरोप लगाया कि राशन कार्ड धारकों पर जबरन साबुन, वाशिंग पाउडर व चायपत्ती खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि जल जीवन मिशन के तहत टूटी सड़कों की मरम्मत अब तक नहीं हुई। प्रदर्शन के बाद नायब तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति व राज्यपाल को नौ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कुंभ हादसे की उच्चस्तरीय जांच, मृतकों व लापता लोगों की सूची जारी करने, प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की गई। प्रदर्शन में कामरेड चंद्रपाल पाल, कमलेश, राजेंद्र कुमार, बृजभूषण, हनुमान, संदीप कुमार पांडेय, रेवतीरमन, रणधीर, बुद्ध विलास, गोपी, बाला प्रसाद, श्यामबरन, मन्ना, परदेसी, आशीष, रामचंद्र, सुरेंद्र सिंह, सुशील सिंह, शिवबरन, रामबरन, माताबदल और फूलचंद सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।  


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