रविवार की भोर अचानक बदला मौसम का मिजाज, फसलें बारिश से भीगीं
जिले के विभिन्न मार्गों पर पेड़ उखड़ कर सड़क पर गिरने से यातायात हुआ बाधित
बांदा, के एस दुबे । रविवार की भोर अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। गरज लपक के साथ पहले बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हुआ फिर तेज आंधी चली। तेज आंधी की वजह से जनपद के किसानों की खेतों में कटी रखी फसलें उड़ गईं। लोगों के घरों में लगे टीन-टप्पर उड़ गए जो ढूंढने से भी नहीं मिले। विभिन्न मार्गों पर पेड़ टूटकर गिर जाने की वजह से आवागमन बाधित हो गया। बमुश्किल ग्रामीणों ने पेड़ सड़क से हटाए, तब कहीं जाकर यातायात बहाल हो सका। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के तार टूट जाने की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित रही। बिजली कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत करने के बाद दोपहर बाद बिजली आपूर्ति चालू की। किसानों को जिस चीज का डर था वही हुआ। खेतों में पककर तैयार फसल की थ्रेसरिंग कराकर घर ले जाने को आतुर किसान दिन-रात खेतों पर ही काम कर रहा है। उसे डर था कि मौसम का मिजाज न बदल जाए और बारिश के
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तेज आंधी से इस तरह सड़क पर उखड़ कर गिरे पेड़, परेशान रहे लोग |
साथ आंधी आए तो उनका भारी नुकसान होगा। आखिर में हुआ वही। रविवार की भोर को मौसम बदला और आसमान पर काले बादल छा गए। गरज लपक के साथ तेज आंधी का दौर शुरू हो गया। तेज आंधी की वजह से खेतों में रखी फसलें उड़कर दूर जा गिरीं और तमाम पेड़ टूटकर सड़क पर गिए गए। लोगों के घरों में लगे टीन-टप्पर भी उड़ गए। ज्यादातर टीन-टप्पर ढूंढे नहीं मिले। ऐसी स्थिति में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि बारिश की वजह से फसल भीग गई है। तेज आंधी से न जाने कितनी फसल उड़कर दूर जा गिरी, जो बर्बाद हो गई, उसे समेटना भी मुश्किल है। गिरवां क्षेत्र में धी और बारिश ने किसानों के लिए आफत खड़ी हो गई। देवीजी आस पास शेरपुर, श्योदा, काजीपुर, खानपुर, कोलावल रायपुर, जरर पिथौराबाद, के गांव मे व ग्रामीण क्षेत्रो मे टीन टप्पर और झोपडी सहित समान उड गया, आधी रात मे आई तेज आंधी तूफान और वारिश से किसानो को भारी नुकसान हुआ। शनिवार को आधी रात मे आंधी और रविवार को भोर सुबह आंधी और पानी से कटी फसल भीग गई और आंधी से कई गावों की बिजली ध्वस्त व खंभे टूट गए। और इसके साथ ही वारिश से फसल भीग गई, खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल उड गयी और बरसात होने पर भीग गई । और आंधी और पानी से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो रही है और किसानों की धड़कन तेज है।किसान फसल को लाने के लिए दिन-रात मेहनत करता है लेकिन कुदरत ने जो लिखा है वही होगा। कमासिन क्षेत्र में रविवार को तड़के आई जोरदारआंधी ने भाभी तबाही मचाई। समगरा से कमासिन आने वाली 33000 हाई टेंशन लाइन की तारे टूट जाने के कारण विद्युत आपूर्ति पूर्णतया ठप हो गई जिससे लोग परेशान है। विद्युत आपूर्त न होने के कारण पेय जल की आपूर्ति भी बंद हो जाने से लोग पानी के लिए तरस रहे हैं हैंड पंपों का खारा व प्रदूषित पानी पीने को विवश हो रहे हैं। बबेरू में शनिवार को आंधी और रविवार को भोर सुबह आंधी और पानी से कटी फसल भीग गई और आंधी से कई क्षेत्रों की बिजली ध्वस्त व खंभे टूट गए। और इसके साथ ही फसल भीगने से दाने पर असर पड़ सकता है। इससे खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल उड गयी और बरसात होने परभीग गई। आंधी और पानी के साथ तेज गरज चमक के साथ बरसात हो गई। इससे बिजली व्यवस्था फिर से चरमरा गई।और आंधी और पानी से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो रही है और किसानों की धड़कन तेज हैं। तिंदवारी क्षेत्र में पिछले गुरूवार से हो रही बदली आंधी बरसात किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। दिन में खेतों में फैलाई गई कटी हुई फसल को किसान जैसे-तैसे सुखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन रात में होने वाली बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेर देती है। ऐसे में किसान अब मशीनों से फसल समेटने में जुट गए हैं। रविवार रात से शुरू हुई आंधी और बारिश का सिलसिला सुबह तक तक जारी रहा। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने खेतों में रखी फसल को पूरी तरह से भिगो दिया। गुरूवार को किसानों ने भीगी हुई गेहूं की फसल को खेतों में फैलाकर सुखाने की कोशिश की थी। लेकिन रविवार की रात फिर से हुई बारिश ने उनकी मेहनत पर दोबारा पानी फेर दिया। आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही। जिससे मौसम का मिजाज पूरी तरह अनिश्चित बना हुआ। है। जिन किसानों ने कटाई के लिए ढेर लगा दिया है उन्हें देश से पूरे अलग कर सुखना पड़ेगा ।इसी को देखते हुए किसानों ने अब बिना देर किए मशीनों के जरिए फसल की कटाई शुरू कर दी है। अतर्रा क्षेत्र में भी भारी नुकसान हुआ है। विद्युत विभाग के अनुसार पावर हाउस में ट्रॉली में रखा 400 केवीए और जमीन में रखा 250 केवीए का ट्रांसफार्मर आकाशीय बिजली गिरने से फुक गया है। इससे अतर्रा सहित सभी जुड़े क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। विद्युत उपखंड अधिकारी विमलेश सिंह ने बताया कि फीडरों की मरम्मत देर शाम तक पूरी कर विद्युत आपूर्ति सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है। तूफान की वजह से 125 से ज्यादा विद्युत पोल गिर गए, तार, इंसुलेटर, क्रॉस आर्म टूट गए। कस्बे और देहात दोनों क्षेत्रों की बिजली 10 से 12 घंटे तक बाधित रही, जिससे जलापूर्ति भी रुक गई और लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ा। विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप भी लगे कि उन्होंने मरम्मत कार्य देर से शुरू किया।तेज आंधी से कस्बे में टीन टप्पर उड़ गए, कच्चे मकानों के छप्पर और बरसातियां भी उड़ गई। अंधेरे में उड़े हुए टीन शेड व टप्पर नहीं मिल सके। खेतों में किसानों का पड़ा हुआ भूसा तेज आंधी में उड़ गया और मड़ाई के लिए रखे गेहूं-चना भीग गए।
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तेज आंधी से सड़क में उखड़े पड़े पेड़। |
पैलानी क्षेत्र में भी हुआ नुकसान, उखड़ कर सड़क पर गिरे पेड़
पैलानी तहसील अंतर्गत खप्टिहाकला, साड़ी, खरेई, रेंहुटा ,अलोना, अमलोर ,निवाईच, अतरहट आदि गांवों में बीती रात तेज आंधी के बाद जोरदार बारिश हुई, जिससे किसानों के खेतों में रखी फसल गीली हो गई। वहीं थ्रेसरिंग का कार्य तीन से चार दिन के लिए ठप हो गया। रात्रि में छोटे-छोटे ओले पड़े गिरने से किसान के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है। खप्टिहाकलां निवासी किसान सुंदर यादव, रामबाबू, राजू सिंह सुनील सिंह लाला ने बताया कि खेतों में गेहूं की थ्रेसरिंग का कार्य रात दिन चल रहा था। अकस्मात जोरदार बारिश के चलते गेहूं की फसल गीली हो गई है। अगर एक आध दिन और बारिश हुई तो गेहूं की फसल में दीमक लग जाने से बर्बाद हो जाएगी, वहीं तेज आंधी के साथ कालेश्वर खप्टिहाकला मार्ग में खड़े बबूल का पेड़ गिर जाने से आवागमन बाधित हो गया था, सुबह निकल रहे राहगीरों ने बबूल के पेड़ को छांट कर अलग किया तभी रास्ता सुगम हो पाया है।
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