देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश, झाँसी। संघर्ष सेवा समिति का बढ़ता दायरा अब स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है डॉक्टर संदीप एक समाजसेवी के साथ-साथ श्री गहोई वैश्य समाज की प्रतिष्ठित पंचायत श्री गहोई वैश्य पंचायत के पंच भी हैं इसी कारण कई स्वजातीय बंधु अपनी समस्या लेकर संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंचते हैं। आज मऊरानीपुर निवासी राजेंद्र गुप्ता संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि हम लोग तीन भाई हैं और वह छोटी उम्र से ही व्यापार के सिलसिले में कानपुर में रहने लगे। उनके दोनों छोटे भाई गांव में ही रहते थे जिनका नाम क्रमशः रमेश गुप्ता और अशोक गुप्ता है। उन दोनों ने उनकी जानकारी के बिना आधी से अधिक पुश्तैनी संपत्ति बेच दी और उससे दिल्ली में जमीन जायदाद बना ली। समय रहते उन्हें इसकी जानकारी नहीं हो पाई जब उन्हें इस बारे में
पता चला तो वह अपनी बची हुई संपत्ति बचाने के लिए संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंचे और उन्होंने डॉक्टर संदीप से निवेदन किया कि वह इस मामले में दखल देकर बची हुई संपत्ति की सुरक्षा करने और बेची हुई संपत्ति पर उचित कार्यवाही करने में सहयोग करें। इस विषय पर डॉ संदीप ने कहा आज के समय में सगे रिश्ते भी संपत्ति के आगे कमजोर होते दिखाई दे रहे हैं। परिवार में इस बात का अधिकांशतः सबसे बड़ा खामियाजा बड़े भाई को ही भुगतना पड़ता है। बड़ा भाई एक पिता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए इतना व्यस्त हो जाता है कि अन्य लोग उसका शोषण करने लग जाते हैं। रमेश गुप्ता जी ने अपने अनुजों के लिए एक पिता की तरह भूमिका का निर्वहन किया है उनके साथ हुई यह घटना निंदनीय है संघर्ष सेवा समिति रमेश जी के साथ खड़ी है अब तक उनकी जो भी जमीन बेची गई है उस पर जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही अग्रसारित कर दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जायेगी।
No comments:
Post a Comment