हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर डॉ संदीप के आतिथ्य में विभिन्न स्थानों पर शोभायात्रा एवं धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन - Amja Bharat

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Monday, April 14, 2025

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हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर डॉ संदीप के आतिथ्य में विभिन्न स्थानों पर शोभायात्रा एवं धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन

देवेश प्रताप सिंह राठौर

वरिष्ठ पत्रकार 

उत्तर प्रदेश, झाँसी। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर पूरे देश में जगह-जगह धार्मिक अनुष्ठानों एवं शोभायात्राओं का आयोजन किया गया। इसी क्रम में झाँसी जनपद में भी कई स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया आयोजनों के क्रम में ओरछा में श्री श्री 1008 ठाकुर जानराय मंदिर हनुमान अखाड़ा, श्री श्री 1008 प्राचीन गुर्ज के हनुमान मंदिर लक्ष्मी गेट बाहर झाँसी, झाँसी रेलवे स्टेशन पर स्थित हनुमान मंदिर, सारंध्रा नगर, हंसारी स्थित श्री श्री 1008 श्री खैरापति मंशापूर्ण हनुमान जी मंदिर, श्री राम जानकी मंदिर ग्राम अड़जार, बड़ागांव गेट स्थित श्री संकट मोचन दक्षिणमुखी हनुमान जी मंदिर एवं अन्य स्थानों पर डॉ० संदीप के आतिथ्य में शोभा यात्रा के साथ सुंदरकांड

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पाठ, विशेष श्रृंगार, छप्पन भोग, महाभिषेक, पूर्णाहुति, हवन, प्रसाद वितरण एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। उक्त स्थान पर शोभायात्राओं में सैकड़ों से हजारों की संख्या में सनातनप्रेमी भक्तगण उपस्थित रहे। जय श्री राम और जय हनुमान के गगनचुंबी उद्गोषों के साथ शोभायात्रा में भक्तजन डीजे की धुन पर भक्ति गीतों में सरोबार होकर थिरकते नजर आये। इस अवसर पर डॉ० संदीप ने कहा सनातन धर्म में विभिन्न देवी देवताओं की पूजा की जाती है लेकिन रामभक्त हनुमान को शक्ति का प्रतीक और चिरंजीवी माना गया है। उनके चिरंजीवी होने के कारण हम उनके जन्मदिन को जयंती नहीं जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज भी सच्चे मन से प्रभु श्री राम या उनके अनन्य भक्त हनुमान को विपत्ति के समय याद किया जाये तो वह सहयोग करने अवश्य आते हैं। हमारा धर्म विविधताओं में एकता वाला धर्म है, लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों को सभी सामान रीति रिवाज के साथ आयोजित करते हैं। सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है इसीलिए हर दिन शुभ माना जाता है। अतुलित बलशाली हनुमान शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं त्रेता युग में उन्होंने लंका विजय में अति महत्वपूर्ण योगदान दिया था। प्रभु श्री राम और उनके भक्त हनुमान की गाथा अनंत काल तक निस्वार्थ प्रेम व समर्पण के लिये जानी जायेगी। अलग-अलग कार्यक्रम मुख्य रूप से बुंदेलखंड पुजारी परिषद के उपाध्यक्ष एवं संस्थापक कालीचरण जारोलिया, रवीश त्रिपाठी, रॉकी महाराज, मृत्युंजय गोस्वामी (पुजारी हनुमान अखाड़ा), देवेश मिश्रा, हर्षिता मिश्रा, रुचि जतारिया, रश्मि पटेरिया, तृप्ति नागपाल, पिंकी झां, शिखा भार्गव, कल्पना पांडेय, पूजा कुशवाहा, सौरभ जतारिया, सुजीत अग्रवाल, आर बी शर्मा, एचएन शर्मा, नरेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, दीपक कुशवाहा, सौरभ जतरिया, रामस्वरूप, सुरेश साहू, बबलू खटीक, सूरज रायकवार, पंडित सत्येंद्र दुबे, संतोष श्रीवास, बेनी प्रसाद आनंद, गणेशी लाल, विजय प्रताप सिंह, बच्चा सिंह, रमेश बुंदेला, रमेश गुरु, दयाराम आजाद, महेश शंकर, शिव नारायण, उमाशंकर श्रीवास, सीताराम, विजय श्रीवास, राजेश दिवाकर, वीरेंद्र श्रीवास, रामस्वरूप श्रीवास, राज बुंदेला, राजेंद्र श्रीवास, संजय पहलवान, के.पी. श्रीवास, पंकज मालवीय, महेंद्र श्रीवास एवं ग्राम अड़जार के श्री राम जानकी मंदिर प्रबंध समिति के समस्त सदस्य गणों के साथ संघर्ष सेवा समिति से संदीप नामदेव, राजू सेन, प्रमेन्द्र सिंह, बसंत गुप्ता, सुशांत गुप्ता, सूरज वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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