मार्गों पर सन्नाटे जैसा रहता माहौल, अंगौछा व दुपट्टे से शरीर ढक कर निकल रहे लोग
फतेहपुर, मो. शमशाद । चालू माह का दूसरा पखवारा चल रहा है और गर्मी अपने पूरे शबाब पर है। दिन भर हीट वेव चल रही है और इससे अभी छुटकारा मिल पाना संभव नहीं है। जानकारों का मानना है कि गर्मी और रौद्र रूप दिखाएगी। हीट वेव के कारण प्रतिदिन मार्गों में दोपहर के समय सन्नाटे जैसा माहौल रहता है। जरूरी कार्यों के साथ-साथ स्कूल आने-जाने वाले छात्र-छात्राएं अपने शरीर को अंगौछे व दुपट्टे से ढककर ही बाहर निकल रहे हैं। गर्मी से बचाव के प्रयास भी किए जा रहे हैं। शासन के निर्देशन में भीषण गर्मी के बीच क्या करें क्या न करें को लेकर भी लोगों को बराबर जागरूक किया जा रहा है।
लू के थपेड़ों से बचने के लिए दुपट्टे से मुंह ढके स्कूली छात्राएं। |
बताते चलें कि अप्रैल माह से गर्मी की शुरूआत हो गई थी लेकिन अब गर्मी अपने पूरे शबाब पर पहुंच गई है। सुबह होते ही सूर्य देवता जब आंखे खोलते हैं तो एकाएक गर्मी का एहसास लोगों को होने लगता है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता है गर्मी अपने पूरे शबाब पर पहुंच जाती है। दिन के ग्यारह बजते ही हीट वेव शुरू हो जाती है जो शाम पांच बजे तक लगातार चलती है। मंगलवार को भी गर्मी अपने शबाब पर रही। अधिकतम पारा 40 डिग्री से. दर्ज किया गया। जिसके चलते पूरा दिन सड़कों पर दिन के समय सन्नाटा दिखाई दिया। कामकाज के लिए निकलने वाले लोग अब अपने मुंह व हाथों को ढक कर ही बाहर निकल रहे हैं। बाहर सड़क पर आते ही उनके बीच ठंडे पानी की दरकार भी बढ़ जाती है। जिसके चलते ठंडे पेय पदार्थों की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। जानकारों की माने तो अब गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेंगे गर्मी का प्रकोप भी बढ़ेगा। ऐसे में सबसे अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
रेलवे व बस स्टेशन में पानी की रहती दरकार
फतेहपुर। भीषण गर्मी के बीच सबसे अधिक परेशानियों का सामना यात्रियों को करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन समेत बस स्टाप व प्राइवेट वाहनों से सफर करने वाले यात्रियों के बीच ठंडे पानी की दरकार ज्यादा रहती है। रेलवे स्टेशन परिसर में तो फ्रीजर लगा है। जैसे ही ट्रेन रेलवे स्टेशन पर आती है तो यात्रियों भीड़ फ्रीजर में बोतल भरने के लिए लग जाती है, लेकिन सबसे अधिक दयनीय स्थिति रोडवेज बस स्टाप की है। यहां पर ठंडे पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यहां आने वाले यात्रियों को ठंडे पानी के लिए अपनी जेबे ढीली करनी पड़ती है और वह सभी रोडवेज अधिकारियों को कोसते नजर आते हैं।
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