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Friday, October 4, 2024

जनपद स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता गोष्ठी का हुआ आयोजन

तिलहन मेले में दस किसानों को मिनी किट का सीडीओ ने किया वितरण

फतेहपुर, मो. शमशाद । सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रेक्षागृह में प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजिड्यू योजनान्तर्गत एक दिवसीय जनपद स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता गोष्ठी एवं नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयलसीड्स योजना के अंतर्गत तिलहन मेला कार्यक्रम का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना की अध्यक्षता में आयोजन किया। इस अवसर पर कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, इफको, फसल बीमा, मिश्रा बीज भण्डार, जैविक उत्पाद के स्टाल लगाए गए। मुख्य विकास अधिकारी ने 10 किसानों को तिलहनी फसलों के मिनीकिट वितरण किए और कृषकों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताते हुए पराली को न जलाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खेत में फसल अवशेष जलाने से मित्र कीट मर जाते हैं और जीवांश खत्म हो जाते हैं जो खेत के लिए बहुत उपयोगी हैं। पराली प्रबंधन हेतु डिकम्पोजर का प्रयोग करें और निराश्रित गोवंश की गौशालाओं में पराली दान करें और उसके बदले

तिलहन मेले में किसानों को मिनी किट का वितरण करते सीडीओ।

गौशालाओं से खाद प्राप्त करें। जिले में कहीं भी पराली जलाने की घटनाएं होने पर सेटेलाइट द्वारा जानकारी प्राप्त हो जाती है और मजबूरन जिला प्रशासन को कार्यवाही हेतु बाध्य होना पड़ता है। किसानों से आहवान किया कि धरती को स्वस्थ्य रखें और फसल अवशेष और सरपत को कदापि न जलाएं। अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) ने बताया गया कि जिस तरह से लोगों के लिए अनाज, शब्जी, जल, आदि आवश्यक हैं उसी प्रकार स्वच्छ वायु भी आवश्यक है इसलिये आवश्यक है कि वायु की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिये फसल अवशेष कदापि न जलायें। फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु उपयोगी यंत्रों का प्रयोग करें। उप कृषि निदेशक ने फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु जनपद स्तरीय जागरूकता कृषक गोष्ठी में उपस्थित अतिथियों, कृषक बंधुओं एवं अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशु चिकत्सा अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र थरियाँव के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा० जगदीश किशोर, पंजाब यूनिर्वसिटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा० रामसकल सिंह, सुआट्स नैनी के वैज्ञानिक डा० मदनसेन सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र थरियाँव से डा० जगदीश किशोर, पूर्व प्रोफसेर सी०एस०ए० कानपुर डा० शिवमंगल सिंह सहित भारी संख्या में पुरुष एवं महिला कृषक उपस्थित रहे।


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