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Friday, May 24, 2024

जिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं मरीज़ों पर पड़ रहीं भारी

हर प्वाइंट पर भीड़, मरीज के साथ तीमारदार भी हो रहे हलकान

फतेहपुर, मो. शमशाद । गरीब मरीज़ों के इलाज का सबसे बड़ा सहारा जिला चिकित्सालय मेडिकल कालेज के अंडर में होने के बाद भी लोगों को सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रहा है। भीषण गर्मी लू के मौसम में ओपीडी व भर्ती वार्ड में जहां मरीज बढ़े हैं। वही अन्य मामलों को लेकर इलाज के लिये आने वाले रोगियों को भी हर जगह अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है। जिला अस्पताल आने वाले मरीज़ों को सबसे पहले पंजीकरण की लाइन में लगकर पर्चा बनवाना एक कठिन चुनौती से कम नहीं है। पर्चा बनवाने की लाइन में काफी मशक्कत के बाद घंटे दो घंटे में नंबर आने पर डॉक्टर की ओपीडी कक्ष में पहुंचकर दिखाना अपने आप में भी आसान नही है। सर्जन, हड्डी रोग, चर्म रोग, बाल रोग समेत सभी महत्वपूर्ण विभागों के डॉक्टरों के कक्ष के बाहर घंटो लाइन लगाना और चिकित्सक को दिखाने के बाद टेस्ट और दवाई लेना भी कोई असान काम नहीं है। डॉक्टर ने एक्सरे या खून की जांच लिख दिया तो उसी दिन जांच हो जाना शायद ही संभव हो। असुविधाओं के बीच पिसता आम आदमी हर जगह घंटो की लाइन शायद व्यवस्थाओ के पूरी क्षमता से कार्य न करना ही है। 

जिला अस्पताल के ओपीडी कक्ष के बाहर लगी मरीजों की लाइन।

क्षमता से अधिक अल्ट्रासाउंड

जिला अस्पताल में प्रतिदिन 80 से 90 अल्ट्रासाउंड करने की क्षमता है जबकि प्रतिदिन दो सैकड़ा से अधिक मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में मरीज़ों को अल्ट्रासाउंड के लिए कई-कई दिन जिला अस्पताल के चक्कर लगाना पड़ता है या फिर निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिक जाना मजबूरी है।

जिला अस्पताल पर बढ़ रहा लोड

जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग दो हज़ार मरीजो से अधिक की ओपीडी है। इसी तरह दो सैकड़ा से अधिक एक्सरे, साढ़े तीन सौ अधिक मरीज़ों के खून की जांच, भर्ती मरीजों की संख्या 210 है। अस्पताल में ऑपरेशन के मरीज़ों की संख्या भी अलग है। प्रतिदिन बढ़ रहे अस्पताल में रोगियों की संख्या के साथ ही जिला चिकित्सालय में लोड बढ़ता जा रहा है ऐसे में व्यवस्थाओ का टोटा होता जा रहा है। 

दवा काउंटर की भीड़ से बाहरी मेडिकल स्टोरों की चांदी

जिला चिकित्सालय आने वाले मरीज़ों के साथ तीमारदारों की हिम्मत दवा काउंटर तक पहुंचते पहुंचते टूट जाती है। दवाई काउन्टर की भीड़ देखकर मरीज और उनके तीमारदार बाहर मेडिकल स्टोरों का रुख करते हैं। जहां उन्हें मंहगी दवाई खरीदने को मजबूर होना पड़ता है या फिर अगले दिन तक इंतज़ार करना होता है।

प्राचार्य ने व्यवस्था दुरुस्त करने की कही बात

मेडिकल कालेज प्राचार्य आरपी सिंह के अनुसार जिला चिकित्सालय सीएमएस के अधीन होता है फिर भी यदि कोई कही कोई दिक्कत है तो व्यवस्थाओ को जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा।


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