बुखार, खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या भी कम नहीं
सुबह अस्पताल खुलते ही मरीजों की लंबी लाइन लग रही
अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल पा रहे बेड, बेंच में इलाज
बांदा, के एस दुबे । मई के महीने में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। जबरदस्त गर्मी के चलते लोग डायरिया और बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। सुबह अस्पताल खुलते ही मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। इसके साथ ही मरीजों को बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिसकी वजह से बेंच में लिटाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल के सभी बेड फुल होने के कारण मरीजों को कुर्सियों और स्ट्रेचर में भी लिटाकर उपचार किया जा रहा है। बुखार और डायरिया के मरीजों की संख्या एकबारगी बढ़ जाने की वजह से अस्पताल में मरीजों की भीड़ नजर आ रही है। सुबह अस्पताल खुलने के बाद मरीज अपना उपचार ओपीडी में करा रहे हैं। ओपीडी बंद हो जाने के बाद इमरजेंसी में भी मरीज पहुंच रहे हैं। ज्यादातर मरीज डायरिया और मौसमी बीमारियों से पीड़ित होने के कारण अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारी और चिकित्सक हलाकान नजर आ
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ट्रामा सेंटर के वार्ड में मरीजों से फुल बेड |
रहे हैं। अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा आने वाले मरीजों को गद्दीदार बेंच के साथ ही कुर्सियों और स्ट्रेचर पर लेटाकर उपचार किया जा रहा है। ट्रामा सेंटर में मौजूद चिकित्सक डा. प्रदीप ने जबदस्त गर्मी में खान-पान का ध्यान देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि धूप में बहुत ही कम निकलें, इसके साथ ही ताजा भोजन करने के साथ पानी अधिक पियें। बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी मरीजों को रेफर कर दिए जाने की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। चिकित्सक ने कहा कि मरीजों की संख्या
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गद्दीदार बेंच में इस तरह लेटाए जा रहे मरीज |
अधिक होने की वजह से बेड नहीं मिल पा रहे हैं। एक डायरिया के मरीज को कम से कम दो दिन तो भर्ती करना ही पड़ता है। उसके स्वस्थ हो जाने के बाद ही मरीजों को छुट्टी दी जाती है। सीएमस डा. आरके गुप्ता का कहना है कि उन्होंने गद्दीदार बेंच की व्यवस्था करवाई है, जिन मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं, उन्हें गद्दीदार बेंच में लेटाकर उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। अब मरीजों की संख्या अधिक होने की वजह से कुछ अव्यवस्था है।
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