जुर्माना की कार्रवाई करके कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे जिम्मेदार
फतेहपुर, मो. शमशाद । जिले में लाल सोना लूट का खेल जारी है। जिम्मेदार लाल सोना के लुटेरों के खिलाफ मात्र जुर्माना की कार्रवाई करके कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं। अवैध मोरंग खनन के खेल में जुर्माना पांच लाख का और माफियाओं के हिस्से मोरंग पचास लाख की, शायद यही कारण है कि मोरंग माफिया की सेहत पर जुर्माना लगाने का कोई असर नहीं पड़ रहा है। लगातार जुर्माना लगने के बाद भी मझगवां खदान से सीधे ट्रकों की ओवर लोडिंग के साथ ही यमुना की जलधारा से खनन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें हैं और खनन विभाग के साथ ही जिले के जिम्मेदार मौन साधे हुये हैं।
मझगवां मौरंग खदान का दृश्य। |
मझगवां खदान की अनिमितताओं के वीडियो आये दिन सोशाल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों में वायरल होते रहते हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने जैसे इस खदान की ओर से मुंह फेर रखा है। अखबारों और टीवी न्यूज चैनलों में अक्सर सुर्खियां बटोरने वाले इस खदान पर बीते दिनों मात्र पांच लाख रूपये का जुर्माना करके खनन अधिकारी ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लिया। जुर्माना की कार्रवाई के बाद भी खदान संचालक की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ते दिखा और दूसरे दिन से फिर लगातार जलधारा से खनन करते, ओवरलोडिंग वाहनों का खदान से निकलते वाहनों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य नजर आती है। वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया जानने के लिये जिले के खनन अधिकारी से संवादाता ने संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो सका। सूत्र बताते हैं तीस जून से बंद होने वाले मोरंग खनन को लेकर खदान संचालक पूरी तरह से लूट मचाये हुये हैं। मोरंग परिवहन से लेकर डंप कर बरसात के मौसम भारी मुनाफा कमाने की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिये संचालक हर हथकंडा अपना रहे हैं। स्थानीय जनता की जुबानी पर गौर करें तो खनन माफियाओं को न तो शासन-प्रशासन का कोई भय है और न ही एनजीटी के मानकों को तार-तार करने की चिंता है। ओवरलोडिंग पर स्थानीय ग्रामीण अगर एतराज जताते हैं तो संचालक के षडयंत्रों का शिकार होना पड़ता है। ऐसी दशा में वह भी शांत हो जाते हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों से शिकायत करने का भी कोई फायदा नहीं हैं।
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