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Sunday, June 9, 2024

बिंदकी की बाजार में राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान

एक व दो रुपए के सिक्के लेने से साफ तौर मना कर रहे दुकानदार

फतेहपुर, मो. शमशाद । अभी एक और दो रुपए के सिक्कों का चालन खत्म नहीं किया गया है किंतु बिंदकी तहसील के बाजार हाट में इस राष्ट्रीय मुद्रा को लेने से साफ इनकार किया जा रहा है। छोटे दुकानदार, बड़े कारोबारी का हवाला देते हुए इन्हें लेने से पल्ला झाड़ रहे हैं। जिले की व्यावसायिक नगरी में राष्ट्रीय मुद्रा के साथ इस तरह का खेल साल भर से ज्यादा समय से चल रहा है। कई मर्तबा अफसरों को अवगत कराया गया। प्रशासनिक बयान भी आए। जिससे बीच-बीच में लगा भी कि शायद अब कोई दुकानदार एक और दो के सिक्के देने पर समान हाथ से वापस नहीं ले लेगा। फिर भी अफसोस, यही सब बाजारों में देखने को मिल रहा है। जिस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। नतीजा इस कारण दुकानदार और ग्राहक के बीच कहीं कहीं पर टकराव के भी हालत देखने को मिल रहे हैं। 29 लाख की आबादी के बीच व्यावसायिक दृष्टिकोण से सबसे मजबूत पायदान पर खड़ी बिंदकी की कारोबारी गतिविधियां अरसे से सवालों के घेरे में खड़ी रही हैं। दाल और चावल के लिए प्रदेश भर में विख्यात रही यह मंडी मौजूदा वक्त न केवल मिलावटी खाद्य पदार्थ और डुप्लीकेसी का गढ़ बन चुकी है बल्कि बाजारों से वास्ता रखने वाले सेठ भी अपने हिसाब से दुकानदारी को अंजाम दे रहे हैं। तभी तो शनिवार होने के कारण भी करीब 30 फ़ीसदी बाजार खुल रहा। साप्ताहिक बंदी के दिन खुली बाजार का हाल जानने के लिए श्रम विभाग का कोई जिम्मेदार यहां नज़र नहीं आया। नगर के एक चौराहे में दो के सिक्के को लेकर दुकानदार और ग्राहक के बीच तू-तू-मैं-मैं होती रही। पुरानी बिंदकी के दुकानदार विमल शर्मा कहते हैं कि बड़े दुकानदार एक और दो के सिक्के लेने से साफ मना कर देते हैं। कभी कभार दो सीधे ग्राहक देखकर उनसे इन्हीं पैसों के कारण बदसलूकी की भी की जाती है। 

बिंदकी की बाजार में राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान

सिक्का आप ही रख लो, यहां कोई नहीं लेता

फतेहपुर। चौडगरा से रोडवेज बस से सवार होकर आए बड़ा कुआं के राजू कंडक्टर के दो का सिक्का पकड़ाने पर, उसे यह कहकर लेने से मना कर दिया कि इस बिंदकी में कोई नहीं लेता इन सिक्कों को। घर में एक और दो के सिक्कों का अंबार जमा हो रहा है। सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं उठाया जा रहा है। दरअसल, इस सवारी का टिकट 18 रुपए का था और कंडक्टर को 20 दिए थे इसलिए टिकट के पीछे बकाया 2 का हवाला था। इस सवारी के उतरते ही कंडक्टर ने रोक लिया तभी उसे टका सा जवाब मिला।

सरकारी अस्पताल में चलता सिक्का 

फतेहपुर। नगर पालिका बिंदकी में राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान हो रहा है। इसके इतर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जरूर एक रुपए का बाहयरोगी विभाग का पर्चा आराम से बनवाया जा सकता है। अस्पताल केस काउंटर में एक रुपए को लेने में कोई दिक्कत नहीं है। इस तरह से देखा जाए तो 25 वार्ड वाली नगर पालिका का एक ऐसा यही पॉइंट है। जिसमें राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान देखने को नहीं मिल रहा है।


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