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Friday, June 28, 2024

ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल पहुंचे बच्चों का रोली-चंदन से अभिषेक

पहले दिन बच्चों को खुशनुमा माहौल देने की शिक्षकों ने की कवायद

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी परिषदीय स्कूल खोले गए

फतेहपुर, मो. शमशाद । ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद एक माह बाद पुनः सरकारी स्कूलों में रौनक लौट आई। शुक्रवार को विद्यार्थी सुबह से ही स्कूल जाने के लिए काफी उत्साहित नजर आए। कई स्थानों पर स्कूल जाने की उत्सुकता में सुबह विद्यार्थियों को बैग हाथ में पकड़े स्कूल बसों का इंतजार करते दिखाई दिए। गर्मी की छुट्टियों में मौज मस्ती व होमवर्क करने के बाद स्कूलों में जाने के लिए छात्र-छात्राओं के चेहरे पर अलग चमक देखने को मिली। सरकारी स्कूलों में जाने के लिए बच्चों को पैदल जाते हुए देखा गया। करीब एक माह बाद स्कूलों में बच्चों का शोरगुल सुनाई दी। हालांकि स्कूलों में पहले दिन बच्चों की संख्या आम दिनों से कम रही लेकिन पढ़ाई पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला। सभी परिषदीय स्कूलों में दोपहर को मध्यान्ह भोजन बच्चों को परोसा गया। 

स्कूल पहुंचने पर बच्चों को रोली-टीका लगाती शिक्षिका।

गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल में पहला दिन बच्चों के लिए हमेशा मस्ती भरा रहता है। ग्रीष्मावकाश के बाद जिले के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट एवं बॉ विद्यालय शुक्रवार से खुल गये। स्कूल पहुंचे बच्चों की चेहरे पर खुशी देखते बन रही थी। दोस्तों से मुलाकात हुई औार गर्मी की छुट्टियों के दौरान की गतिविधियों पर चर्चा हुई। हालांकि, अधिक गर्मी के कारण विद्यार्थियों की उपस्थिति कम ही रही। कुछ विद्यालयों में छात्र संख्या न के बराबर रही। बता दें की जिले में 20 मई से ग्रीष्मावकाश हुआ था। भीषण गर्मी और उच्च तापमान को देखते हुए शिक्षक संगठन और समय की मांग कर रहे थे लेकिन विभाग ने नहीं सुनी और  25 जून से विद्यालय खोल दिया और तीन दिन तक मात्र शिक्षक ही स्कूल पहुंच कर साफ सफाई की व्यवस्था की। 28 जून यानि शुक्रवार से बच्चे भी स्कूल पहुंचे। स्कूल खुलने पर भीषण गर्मी एवं उच्च तापमान का प्रभाव स्पष्ट रुप से दिखाई दिया, जिसके कारण विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की कम रही। 

ग्रामीणांचलों में भी रही रौनक

नगर समेत अन्य विद्यालयों में भी खूब रौनक रही। फरीदपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए पहले दिन खुशनुमा माहौल बनाया गया। विद्यालय की इंचार्च प्रधानाध्यापिका गर्विता सिंह ने विद्यालय के शिक्षकों के साथ गांव में भ्रमण कर अभिभावकों से छात्र छात्राओं को विद्यालय भेजने का आग्रह किया। गांव में भ्रमण के दौरान शिक्षकों ने विद्यालयों के बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा के महत्व को समझाते हुए बच्चों को नियमित स्कूल भेजने का आग्रह किया गया। वहीं स्कूल पहुंचे बच्चों को रोली-चंदन का टीका लगाकर स्वागत किया गया।

दोपहर में बच्चों को खिलाया गया खीर-हलुआ

करीब एक माह बाद स्कूलों में बच्चों की आवाज सुनाई दी। हालांकि स्कूलों में पहले दिन बच्चों की संख्या आम दिनों से कम रही, लेकिन बच्चों के स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। पहले दिन बच्चों को दोपहर में खीर, हलुआ खिलाया गया। विद्यार्थियों के आने के बाद पहले दिन से ही स्कूलों में पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो गया। स्कूलों का समय शिक्षा विभाग ने सुबह 7.30 से दोपहर 10.30 बजे तक कर दिया है जबकि शिक्षकों के लिए 1.30 बजे तक रहा। शिक्षकों ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के एक माह बाद स्कूल खुलने पर विशेषकर छोटे बच्चों में अपने सहपाठियों से मिलने, कक्षाओं में पढ़ाई करने, खेलने को लेकर काफी उत्साह नजर आया। अगले एक दो दिनों में पिछले महीने की तरह स्कूल में सामान्य उपस्थिति होने की संभावना है।

बच्चों की संख्या बढ़ाने पर जोर

प्रदेश सरकार ने 28 जून से प्राइमरी विद्यालयों को खोलने के आदेश दिए थे, इसको देखते हुए सरकार ने यह भी कहा था कि पहले दिन स्कूल आने वाले बच्चों का रोली और चंदन लगाकर टीकाकरण करके उनका स्वागत किया जाए। जिले में भी तमाम स्कूलों में इसी तरीके से बच्चों का पहला दिन स्वागत किया गया। उनको रोली और चंदन का टीका लगाया गया साथ ही बच्चों के खाने के लिए दोपहर में हलुवा और खीर के लंच की व्यवस्था भी की गई है। प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में लगातार काम हो रही बच्चों की संख्या को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है और कहीं न कहीं इससे आने वाले वक्त में स्कूलों की संख्या में इजाफा भी देखा जा सकता है, उच्च प्राथमिक विद्यालय खेलदार में पहले दिन इसी तरीके से बच्चों का स्वागत और सत्कार किया गया है।


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