प्रत्येक मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाए, जल संरक्षण करें
रेलवे मनोरंजन गृह में आयोजित हुई जल संरक्षण और वृक्षारोपण संगोष्ठी
बांदा, के एस दुबे । वर्तमान की ज्वलंत समस्या जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण समाधान जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण है। इस संबंध में स्टेशन परिसर स्थित उत्तर मध्य रेलवे के मनोरंजन ग्रह में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक व संयोजक, मुख्य वक्ता श्रीराम सिंह लोध (वारि-विटप प्रहरी) मुख्य टिकट निरीक्षक रहे। सभी अतिथियों का मामला पहनाकर स्वागत किया गया और वारि विटप योद्धा उपाधि से विभूषित किया। इसके साथ ही जल संरक्षण व वृक्षारोपण पर आधारित मुख्य वक्ता द्वारा स्वलिखित पुस्तक जलाभिषेक का निशुल्क वितरण किया गया। मुख्य वक्ता श्रीराम सिंह ने कहा कि वनस्पति व प्राणी जगत के अस्तित्व को बचाने का एकमात्र समाधान जल संरक्षण व वृक्षारोपण है। उन्होंने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कैच द रेन के तहत वर्षा जल संचयन के लिए, प्रत्येक मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का अनुरोध
रेलवे मनोरंजन गृह में पुस्तक जलाभिषेक के साथ अतिथिगण |
किया। वर्तमान व भविष्य में पानी की कमी को दूर करने का एकमात्र उपाय बताया। साथ ही अच्छी वर्षा के लिए और जलवायु परिवर्तन की समस्या के निराकरण के लिए वृक्षारोपण पर जोर दिया। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि वह एक कंट्रोल नंबर जारी करें, जिससे कहीं पर भी जल कुप्रबंधन या जल रिसाव की स्थिति होने पर फोटो व वीडियो भेजकर, अति शीघ्र जल की बर्बादी को रोका जा सके। मुख्य अतिथि के साथ ही विशिष्ट अतिथियों एवं कई वक्ताओं ने जल संरक्षण व वृक्षारोपण पर जोर देने का आग्रह किया। गोष्ठी के बाद सभी लोगों ने मिलकर कई पेड़ जैसे छायादार पेड़ों में बरगद, अशोक, पीपल, फलदार पेड़ों में आंवला, अमरूद, आम, जामुन, शोभादार पेड़ में गोल्ड मोहर एवं इमारती पेड़ में महोगनी, सागौन, व अर्जुन का रोपण स्टेशन परिसर में किया। कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण व वृक्षारोपण के कार्य में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए, मुख्य वक्ता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राहुल उपाध्याय, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ खंड अभियंता संजय कुशवाहा, मुख्य टिकट निरीक्षक विनय शंकर श्रीवास्तव, व ट्रेन मैनेजर जितेंद्र वर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्टेशन प्रबंधक मनोज कुमार शिवहरे ने की।
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