राजनीतिक परम्परा के हैं जन्मदाता - आलोक पाण्डेय
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । भाजपा जनसंघ संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर जिला स्तरीय गोष्ठी जिला पंचायत सभागार में हुई। गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शिक्षक विधायक डॉ बाबूलाल तिवारी व अध्यक्षता जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी ने किया। शनिवार को भाजपा पितृ पुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती दिवस पर गोष्ठी बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से एक वृक्ष मां के नाम अभियान के तहत खुटहा गांव में डॉ बाबूलाल तिवारी ने वृक्षारोपण किया। डॉ बाबूलाल तिवारी ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कहा कि मुखर्जी की नीतियां, उनके निर्णय, उनके संकल्प स्वतंत्र भारत को दिशा देने में बहुत अहम हैं। श्यामा प्रसाद ने स्वतंत्र भारत को भारतीय दृष्टिकोण से आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने को निरंतर चिंतन किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को
डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाते भाजपाई। |
साकार करने को स्वतंत्र भारत के पहले बलिदानी डॉ मुखर्जी ही थे। डॉ मुखर्जी के प्रयासों से बंगाल भारत का हिस्सा है। पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल ने कहा कि डॉ मुखर्जी का जीवन कार्यकर्ताओं को प्रेरणा देता है। डाॅ मुखर्जी ने सदन में नेहरू सरकार के खिलाफ एनडीए गठबंधन का निर्माण किया था। जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ मुखर्जी के जीवन यात्रा के संघर्षों से प्रेरित होकर सांगठनिक मूल्यों को मजबूत करना होगा। पूर्व राज्यमंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने जिन मूल्यों व सिद्धांतों को लेकर पूरे जीवन संघर्ष किया, भाजपा की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेकर उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी है। डॉ मुखर्जी ने कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीतियों के खतरों को पहले ही पहचान लिया था। जिला महामंत्री आलोक पाण्डेय ने कहा कि डॉ मुखर्जी विद्या, वित्त व विकास की मजबूत आधारशिला पर सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र पर सबका विश्वास अर्जित करते हुये एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूर्ण करने को साफ नीयत-सही विकास की राजनीतिक परम्परा के जन्मदाता हैं।
गोष्ठी संयोजक जिला महामंत्री राघवेन्द्र सिंह व सह संयोजक अखिलेश रैकवार रहे। इस मौके पर पंकज अग्रवाल, रामबाबू गुप्ता, राजेश्वरी, अनूप त्रिपाठी, निर्मलेन्द्र पाण्डेय, गंगाधर मिश्र, नरेंद्र गुप्ता, अरविन्द रलिहा, सुशील द्विवेदी, गौरव करवरिया, राघव अग्रवाल, श्रद्धांशु, आशीष कोल, रमाकांत पाण्डेय, विनोद पाण्डेय, तीरथ तिवारी, जानकी शरण तिवारी, सुनीता श्रीवास, रचना पाण्डेय, दुर्गेश शुक्ला, जय प्रकाश पाण्डेय, आराधना यादव, उदय उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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