लिंगानुपात को रोकने के लिए अधिनियम को लागू किया गया
अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी करने पर पांच साल तक की सजा व जुर्माना
बांदा, के एस दुबे । महिला जिला अस्पताल में सोमवार को हब फार एंपावरमेंट आफ वीमेन के तहत पीसीपीएनडीटी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें भारत सरकार के सौ दिन के कार्यक्रम के तहत जानकारियां दी गईं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला पुरुष अस्पताल के सीएमएस डा. एसडी त्रिपाठी और जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा. सुनीता सिंह मौजूद रहीं। प्रशिक्षण में वन स्टाफ केंद्र की केंद्र प्रबंधक द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम क्यों लागू करना पड़ा, इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। बताया गया कि भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए इस अधिनियम को लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी करने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर लैब को तीन से पांच वर्ष की सजा
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद सीएमएस व अन्य |
और 10 से 50 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लाई गई। प्रोबेशन कार्यालय से चलने वाले लाभकारी योजनाओं का भी विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। इसके बाद विधिक सेवा प्राधिकरण से उपस्थित सुमन शुक्ला जी ने तीन नए कानून पारित हुए हैं। उसके भी विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में महिला व जिला अस्पताल के सभी मेडिकल आफिसर्स स्टाफ नर्स उपस्थित रहे। वन स्टाफ सेंटर से सुभद्रा पैरामेडिकल स्टाफ कंप्यूटर आपरेटर अविनाश शुक्ला व चाइल्ड लाइन से आकाश उपस्थित रहे।
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