हिलोरे मार रहा यमुना नदी का पानी, जल स्तर 97 मीटर पर टिका
पानी उतरने के बाद केन किनारे बसे गांवों में गंदगी का आलम
बाढ़ राहत केंद्रों में ठहरे हुए ग्रामीण, दी जा रही राहत सामग्री
बांदा, के एस दुबे । खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही केन नदी का जल स्तर मंगलवार की रात को घटने लगा था। बुधवार की शाम तक केन नदी का जल स्तर 99 मीटर पर पहुंच गया। इससे स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अलबत्ता यमुना नदी का पानी अब भी हिलोरे मार रहा था। यमुना का जल स्तर 97 मीटर पर स्थिर बताया गया है। इधर, केन का पानी उतरने से केन नदी किनारे बसे गांवों में गंदगी का आलम है। तमाम ग्रामीण बाढ़ राहत केंद्रों पर रुके हुए हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। मप्र के मंडला कैचमेंट एरिया में हो रही मूसलाधार बारिश और बांधों के उफनाने के बाद पानी छोड़े जाने से केन नदी पिछले दो दिनों से लगातार बढ़ रही थी। सोमवार को केन नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार करते हुए डेढ़ मीटर ऊपर 105.50 सेंटीमीटर पर पहुंच गया था। केन नदी के उफान पर होने के कारण केन किनार बसे भूरागढ़ समेत तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा गांवों में पानी घुस गया था। पैलानी क्षेत्र के तमाम रास्ते बंद हो गए थे और ग्रामीण केन नदी के पानी से घिर गए थे। प्रशासन की ओर से नाव चलाकर किसी तरह ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान तक
केन नदी में वेग के साथ बहता पानी |
पहुंचाया गया था। मंगलवार रात तक केन नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर था। लेकिन बुधवार की षाम को केन नदी का जल स्तर 99 मीटर पर पहुंच गया। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। केन नदी का पानी उतरने के बाद केन किनारे बसे गांवों में गंदगी का आलम है। तमाम कच्चे मकान गिर गए हैं और लोगों की गृहस्थी भी बर्बाद हो गई है। हालांकि बाढ़ प्रभावित ग्रामीण बाढ़ राहत केंद्रों में रुके हुए हैं। उन्हें प्रशासन के द्वारा राहत सामग्री का वितरण करते हुए दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इधर, केंद्रीय जल आयोग की मानें तो यमुना नदी का जल स्तर 97 मीटर पर स्थिर है।
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