जसपुरा में आयोजित जल कोष यात्रा और कृषि गोष्ठी में बोले पद्मश्री
बांदा, के एस दुबे । दुनिया में जल संकट है, पानी बनाया नहीं जा सकता, केवल बचाया जा सकता है। वर्षा की बूंदें जहां गिरें, वहीं रोकें। इस सृष्टि में जो कुछ भी हरा-भरा है, वह वर्षा की बूंदों का कमाल है। बूंद की ही छाया, माया, काया है। आकाश से जब एक बूंद गिरती है तो धरती पर कहीं तालाब बनाती है, नदी बनाती है, कुआं भरती है। कहीं हिमालय में बर्फ के रूप में दिखती है। यह विचार पद्मश्री जल योद्धा उमाशंकर पाण्डेय ने विकास खण्ड जसपुरा के सभागार में आयोजित जल कोष यात्रा और कृषि गोष्ठी व मेला के दौरान व्यक्त किए। यात्रा का स्वागत खण्ड विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी अटल भूजल योजना ने संयुक्त रूप से किया। इसके बाद मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्जवलित कर जल गोष्ठी और किसान गोष्ठी, मेला का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत मधूसूदन दास आदर्श इण्टर कालेज की बच्चियों ने स्वागत गीत के माध्यम से किया। एसडीएम पैलानी शशिभूषण मिश्रा ने कहा कि हमें पुरखों के जल जोड़ने के परम्परागत तकनीकी और सामुदायिक भाव को फिर से जगाना होगा, तभी जल
गोष्ठी के दौरान जल संरक्षण पर जागरूक करते पद्मश्री उमाशंकर व अन्य |
संरक्षण संभव होगा। खण्ड विकास अधिकारी गरिमा अग्रवाल ने कहा कि दैनिक जीवन में तथा घरेलू कार्य में आने वाले पानी का हम पुनः सदुपयोग कैसे कर सकते हैं। इसमें महिलाएं माताएं, जागरूक हो, अपने घर में और अपने खेतों में मेड़बंदी कर पेड़ लगाएं। विकास विभाग की ओर से हम पूरा सहयोग करेंगे। इसी क्रम में डा. श्याम सिंह, बरिष्ठ वैज्ञानिक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान अपने कृषि के तरीकों मे बदलाव लाकर जल संरक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकता है। जल शक्ति विद्यापीठ के राष्ट्रीय महासचिव अंकित, इ. ओमप्रकाश मसुरहा और देशराज ने कहा कि हर गांव में पानी की पाठशाला हो। युवा पीढ़ी को पानी के बारे में पढ़ाना होगा।
इस कार्यक्रम की उपयोगिता की जानकारी देते हुए सहायक अभियंता नोडल अटल भूजल योजना श्वेता गुप्ता ने कहा कि यह यात्रा उत्तर प्रदेश सरकार के भूगर्भ जल विभाग की ओर से अटल भूजल योजनांतर्गत जल संकटग्रस्त जनपदों में की जा रही है, जिसका नेतृत्व पद्मश्री उमाशंकर पांण्डेय कर रहे हैं। यह ज्ञात हो कि यह जल कोष यात्रा को 16 जुलाई को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ से रवाना किया था, जो आज जसपुरा विकास खण्ड में पहुंची। इस अवसर पर जसपुरा ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि महेश निषाद ने कहा कि किसानों को परंपरागत और नई दोनों तकनीक के माध्यम से पानी की बचत करनी होगी और बहते हुए पानी को रोकना भी है। कार्यक्रम में विचार गोष्ठी, पानी पाठशाला और सिकहुला तालाब पर हवन पूजन, पौधरोपण कर मानव श्रंृखला बनाकर जल शपथ दिलाते हुए जल संरक्षण व संवर्धन के लिए लोगों से आह्वान किया गया। इस यात्रा का स्वागत बड़ी मात्रा में ग्रामवासियों ने किया। कार्यक्रम में साकेत श्रीवास्तव, आईईसी एक्सपर्ट एसपीएमयू एग्रीकल्चर एक्सपर्ट, रविकान्त उपाध्याय, ब्लाक कोआर्डिनेटर एवं डीआईपी का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन आईईसी एक्सपर्ट अखिलेश पाण्डेय द्वारा किया गया।
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