छह किलोमीटर बड़ागांव-पल्हरी संपर्क मार्ग निर्माण की मांग
जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनीं, अब संघर्ष का रुख अपनाएंगे
बबेरू, के एस दुबे । वोट मांगने जब नेता जी जाते हैं तो बहुत सारे वायदे करते हैं। सड़क बनवा देंगे, स्कूल खुलवा देंगे, बिजली का संकट नहीं होगा आदि। लेकिन कुर्सी मिलने के बाद नेता जी के कदम जमीन पर नहीं पड़ते। बबेरू क्षेत्र के बड़ागांव-पल्हरी संपर्क मार्ग में आवागमन के दौरान ग्रामीण दुश्वारियों से जूझ रहे हैं। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक फरियाद कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बड़ागांव के ग्रामीणों ने अब आंदोलन का मूड बना लिया है। चेतावनी दी है कि अगर सड़क का निर्माण नहीं कराया गया तो आंदोलन किया जाएगा, इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। शुक्रवार को बड़ागांव में ग्राम प्रधान सदाशिव पटेल की अगुवाई में बड़ागांव उत्थान समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इसके पूर्व गांव में भ्रमण कर जागरूक भी किया
बैठक के दौरान हाथ उठाकर समस्या समाधान की मांग करते ग्रामीण। |
गया। निर्णय लिया गया कि सड़क निर्माण नहीं कराया गया तो आंदोलन किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि बड़ागांव उत्थान समिति ने ग्रामीणों के द्वारा जन प्रतिनिधि को लिखित तौर पर अवगत कराया था, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। कहा गया कि ग्रामीणों को सिर्फ कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। समाजसेवी रामदेव पटेल ने कहा कि सभी ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया कि सड़क निर्माण समय रहते नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। बडागांव से पल्हरी गांव को जाने के लिए लगभग छह किमी कच्चा मार्ग से लोगों को पगडंडियों का इस्तेमाल करना पड़ता है और उस मार्ग पर जगह-जगह तीन से चार फीट लम्बे गहरे पानी के गढ्ढों को हेल कर पार करना पड़ता है। वहीं आने वाले सम्पर्क मार्ग में कई पुरवा स्थित है, वहां लोगों को बरसात के दिनों में तो हालत और भी खराब हो जाती है जहां से पैदल निकलना भी दूभर हो जाता है। वही गांव से जाने वाले कच्चे रास्ते मे दस से ज्यादा जगहों पर पांच फीट से भी ज्यादा गहरा पानी भर कर गढ्ढे नदियों की शकल मे तेज बहाव के साथ बहती है। इन बड़े बड़े पानी के गढ्ढों को पुरूष तो किसी तरह पार कर लेतें हैं मगर सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और बच्चों को उठानी पड़ती है। बैठक के दौरान सदाशिव पटेल प्रधान, डा.रामदेव पटेल समाजसेवी,रमेश पटेल, जग्गू दादा, अजय कुमार, रामदास लेखपाल, गणेश प्रसाद के साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
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