बुंदेलखंड के किसानों को सिंचाई के लिए दी जाएगी सोलर पंप सुविधा
किसान सम्मान निधि योजना के तहत 7 लाख 57 हजार 853 किसान हो रहे लाभान्वित
बांदा, के एस दुबे । रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में झांसी, कानपुर और चित्रकूटधाम मंडल की संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी में मंत्री कृषि, कृषि रक्षा और कृषि अनुसंधान विभाग सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि किसान अपनी फसलों का उत्पादन बढायें और अपने खेतों को खाली न छोडें। बुन्देलखण्ड के शत्-प्रतिशत किसानों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प की सुविधा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की दशा सुधारने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि पहले बुन्देलखण्ड में पानी की बहुत समस्या थी लेकिन अब सरकार द्वारा हजारों करोड़ की योजना के द्वारा हर घर नल जल योजना से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपनी क्षमता व ऊर्जा का उपयोग कर आगे बढना है। सभी को कृषि से सम्बन्धित अच्छे तरीके अपनाकर अपना और अपने परिवार की तरक्की करना है। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 7 लाख 57 हजार 853 किसानों को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में मोटे अनाज का अधिक उत्पादन हो, इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान का खेत ही उसकी पहचान है, किसान कृषि कार्य के साथ उद्यान विभाग की योजनाओं बागवानी और खाद्य प्रसंस्कारण के द्वारा भी लाभ प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा अब किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
लाभार्थी को प्रतीकात्मक चाबी सौंपते मंत्री व अन्य |
कृषि मंत्री ने कहा कि रबी फसल की कार्ययोजना के साथ ही खरीफ की कार्ययोजना अभी से तैयार करें, जिससे कि किसान खरीफ में भी अच्छी फसलों का उत्पादन कर सके। प्रदेश में किसानों की सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक और बीज उपलब्ध हैं। किसानों को मिनी किट के द्वारा बीज का वितरण किया जा रहा है। ज्वार, बाजरा की खेती करें, जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज दिया जा रहा है। इन उत्पादनों की खरीद भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के लिए 33 प्रतिशत का अनुदान भी किसानों को दिया जा रहा है, जिसका लाभ किसान प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि किसान चना, मटर, मसूर, सरसो की खेती को बढायें। बताया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा गेंहॅू के एमएसपी पर लगभग 900 रूपये की धनराशि प्रति कुन्तल खरीद में बढायी गयी है। किसान अपनी फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत अवश्य करायें। उन्होंने बताया कि
मेडिकल कालेज में गोष्ठी को संबोधित करते मंत्री सूर्यप्रताप शाही |
जेवर में फल एवं सब्जी उत्पादन के लिए एक्पोर्ट हब बनाया जा रहा है। बुन्देलखण्ड के झांसी में भी विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। गोष्ठी में किसानों की समस्याओं एवं उनके सुझावों को भी आमंत्रित करते हुए निस्तारण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने गोष्ठी में किसानों को विभिन्न योजनाओं में सहायता धनराशि का वितरण किया, जिसके अन्तर्गत कृषि यंत्रीकरण योजना के अन्तर्गत किसान विद्यासागर को 12 लाख रूपये अनुदान एवं श्री कल्लू कोे 4 लाख रूपये का अनुदान व प्रमाण पत्र भेंट किया। सोलर पम्प योजना के अन्तर्गत किसान विसम्भर सिंह कोे 7.5 एचपी सोलर पम्प के लिए 12 लाख रूपये का अनुदान तथा जयनारायण सिंह को लुकतरा को अनुदान की धनराशि का चेक भेंट किया। प्रधानमंत्री केएसवाई के अन्तर्गत खेत-तालाब योजना में लोहरा के मैथलीशरण और कमलेश मिश्रा को 1 लाख 14 हजार की धनराशि अलग-अलग भेंट की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत लखनलाल को 3 लाख 23 हजार तथा घनश्याम, सियादुलारी व अन्य किसानों को मिनी किट का वितरण किया। गोष्ठी में कृृषि विभाग एवं कृषि से सम्बन्धित विभिन्न विभागों द्वारा तथा एनआरएलएम योजना सहित महत्वपूर्ण योजनाओं के स्टाल लगाकर किसानों को महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी गयी। प्रमुश सचिव कृषि रवींद्र कुमार ने कहा कि उन्नतशील बीज का उपयोग करें तथा संतुलित उर्वरकों का उपयोग मृदा परीक्षण के अनुसार करें। प्रदेश में आलू, गेंहॅू, सरसों में उत्पादकता बढी है। षि निदेशक ने कहा कि गोष्ठी में किसान भाइयों नेे बहुत ही अच्छे विचार रखे हैं। अपनी समस्याओं को बताया, जिनका निराकरण किया जायेगा। फसल बीमा योजना के अन्तर्गत तुलसी की खेती को फसल बीमा से जोडने का प्रयास किया जायेगा। विशेष सचिव राजस्व अनुराग पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वरासत प्रकरण तथा चकबन्दी से सम्बन्धित मामलों के निराकरण के लिए गाॅव-गाॅव चैपाल लगायी जा रही है। आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बाल कृष्ण त्रिपाठी ने मण्डल में कृषि बीज एवं फसली ऋण तथा उर्वरकों की उपलब्धता के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत किसानों को धनराशि का वितरण भी किया
गया है। खेत-तालाब योजना तथा मिनी किट वितरण के साथ मण्डल में जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती को बढावा देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड में मिलेट्स के उत्पादन की बेहतर सम्भावनायें हैं, किसान मोटे अनाज का उत्पादन करें। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण हेतु खेत-तालाब योजना तथा किसानों को सिंचाई के लिए स्प्रिंक्लर सेट की व्यवस्था भी की गयी है। पद्मश्री उमाशंकरण पाण्डेय ने कहा कि जनपद में कृषि विश्वविद्यालय, स्वयं सेवी संस्थायें, सरकारी विभाग तथा कृषि से सम्बन्धित सभी विभाग कृषि की तरक्की के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा जनपद में बासमती चावल की अच्छी पैदावार है, जिसके क्रय करने तथा मूल्य निर्धारण हेतु सरकारी स्तर पर प्रयास किया जाए। गोष्ठी में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, अध्यक्ष गौ सेवा आयोग श्याम बिहारी गुप्ता, पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल, आयुक्त झांसी मण्डल विमल कुमार दुबे, संयुक्त विकास आयुक्त कानपुर एनसी सविता, ग्राम विकास सचिव सुखलाल भारती, कृषि निदेशक जितेन्द्र सिंह, विशेष सचिव उद्यान ओम प्रकाश वर्मा, जिलाधिकारी नगेन्द्र प्रताप, तीनों मण्डलों के मुख्य विकास अधिकारी और कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक एवं उप निदेशक सहित बडी संख्या में किसान मौजूद रहे।
कृषि उत्पादकता गोष्ठी में भ्रमण करतीं कृषि उत्पादन आयुक्त
फसल उत्पादन में किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण : गर्ग
बांदा। कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका फसल के उत्पादनों मेें है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की एक ट्रिलियन डालर की अर्थ व्यवस्था को बनाने में भी किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि किसान कृषि विविधीकरण एवं उन्नत तकनीकी अपनाने के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसान मृदा परीक्षण अवश्य कराकर उसी के अनुरूप आवश्यकतानुसार कृषि उर्वरकों का उपयोग करें, इस कार्य में कृषि संगी एवं एफपीओ की मदद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान नवाचार सीखें और खेतों में जीवांश की वृद्धि करें। उन्होंने कहा कि किसान मौसम आधारित खेती करें, जिससे उन्हें लाभ होगा, बुन्देलखण्ड में आॅवला, चन्दन, अंजीर, मूंगफली, अदरक व हल्दी की खेती के लिए उपयुक्त है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण की योजना का लाभ लेने के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि इससे किसान उद्यमी बनकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं, जिससे उन्हें काफी आर्थिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि हर साल कृषि विज्ञान केन्द्र सेे दो ग्रामों को चयनित कर माॅडल कृषि ग्राम के रूप में विकसित किया जाए।
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