बालि के मरते ही राम के लगे जयकारे
खागा, फतेहपुर, मो. शमशाद खान । नगर की रामलीला के आठवें दिन बालि और सुग्रीव के युद्ध का भावपूर्ण चित्रण किया गया। बाली और सुग्रीव दोनों भाई थे, लेकिन बाली के अन्यायपूर्ण व्यवहार के कारण सुग्रीव राम से सहायता मांगते हैं। राम, सुग्रीव की पीड़ा सुनकर बाली से युद्ध करने का संकल्प लेते हैं। लीला के मंच पर बाली और सुग्रीव के बीच एक भीषण युद्ध दिखाया गया, जिसमें भगवान राम बाली का वध करते हैं। यह दृश्य अत्यंत मार्मिक था, और बाली के अंत के साथ मंचन में न्याय की विजय का संदेश दिया गया।
रामलीला में मंचन करते कलाकार। |
इसके बाद लंका दहन का दृश्य दर्शाया गया, जिसमें रावण द्वारा सीता हरण के पश्चात हनुमान जी सीता का संदेश लेकर लंका पहुँचते हैं। रावण के दरबार में प्रवेश कर हनुमान अपने शौर्य और बुद्धिमत्ता का परिचय देते हैं। हनुमान जी को पकड़कर उनकी पूंछ में आग लगा दी जाती है, जिससे वे लंका को जलाकर रावण के अभिमान को तोड़ते हैं। इस दृश्य में लंका का दहन और हनुमान जी की शक्ति का प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया, जिससे समूचे वातावरण में रामभक्ति की भावना व्याप्त हो गई।
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