कृषि कार्य छोड़कर ट्रैक्टर और ट्रॉली दूसरे काम में की जा रही प्रयोग
नवरात्र में कईं मार्गा पर सवारियों से भरी देखी जा रहीं ट्रैक्टर ट्रॉली
फतेहपुर, मो. शमशाद । मिर्जापुर में हुए हादसे के बाद भी जिले में सवारियां भरकर सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे ट्रैक्टर ट्राली पर जिम्मेदारों से कोई कार्रवाई न किए जाने से हादसों का इंतजार कर रहे हैं। आलम यह है कि कृषि कार्य के लिए प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर ट्राली को चालक सवारियां ढोने के काम में प्रयोग में ला रहे हैं। शनिवार को शहर के कई मार्गा पर नवरात्र पर्व के चलते ट्रैक्टर चालक श्रद्धालुओं को ट्राली पर बिठाकर मंदिरों तक ले जाते नजर आए। बतातें चलें कि 1 अक्तूबर 2022 में लखनऊ के बीकेटी थाना व कानपुर के साढ़ थाना में हुए हादसे के बाद शासन ने ट्रैक्टर ट्राली पर सवारियां बिठाने पर रोक लगा कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। एक सप्ताह तक जिले की पुलिस प्रशासन ने अलर्ट रहकर सड़कों पर ट्रैक्टर ट्राली पर कार्रवाई कर चालान आदि किया गया था। लेकिन उसके बाद दो साल से पुलिस की कार्रवाई ठंडे बस्ते में डालने की वजह से हादसों को दावत दे रही है। हाल ही में ट्रैक्टर ट्राली पलटने से नीचे दबकर कई लोग गम्भीर रूप से घायल हो चुके हैं। उसके बाद भी जिला पुलिस प्रशासन की ओर से सवारियां ढोने वाले ट्रैक्टर ट्राली पर कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझ रहा है।
ट्रैक्टर ट्राली में सवार यात्री।
आदेश का असर नहीं
ट्रैक्टर ट्रॉली भले ही कृषि कार्यों के लिए प्रमुख साधन हो, लेकिन मिट्टी, लकड़ी, टेंट का सामान, निर्माण सामग्री शटरिंग का सामान आदि ढोने के काम आ रही हैं। मुंडन संस्कार व बच्चों को अन्नप्राशन आदि कई कार्यक्रमों में भी सवारी ढोने के रूप में इस्तेमाल हो रही है। मेला दौरान आवागमन के लिए प्रमुख रूप से ट्राली को सवारी के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। जिम्मेदारी की अनदेखी से आदेश का असर नहीं है।
पुलिस की भी नहीं पड़ती नजर
शहर से गुजरे बांदा-टांडा मार्ग पर शनिवार को दोपहर ट्रॉली पर सवारियां बैठी दिखीं। आलम यह है कि यह चौराहे राधानगर थाना पड़ता है और वहां पर पुलिस भी तैनात रहती है। बावजूद इसके कोई विराम नहीं लगाया जाता है, वहीं प्रशासन की ओर से भी सवारियां ढोने वाले ट्रैक्टरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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