रोजेदारों का खजूर से है अटूट रिश्ता - Amja Bharat

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Monday, March 17, 2025

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रोजेदारों का खजूर से है अटूट रिश्ता

नबी-ए-करीम की सुन्नतों में भी शामिल है खजूर 

शरीर की सुस्ती व पानी की कमी भी होती दूर

फतेहपुर, मो. शमशाद । रोजदारों और खजूर के दरमियान अटूट रिश्ता है। अफ्तार के समय खजूर न हो ऐसा नामुमकिन है। जिसकी एक बड़ी वजह यह है कि नबी-ए-करीम सल. भी खजूर से रोजा खोलना पसंद करते थे। जो उनकी सुन्नतों में से एक है। खजूर का जिक्र कुरआन पाक में बीस जगहों पर मिलता है। एक हदीस में है कि नबी करीम सल. ने फरमाया कि तुम खजूर से अफ्तार करो इसका कारण यह है कि खजूर गर्म और नमी वाला फल है। इसलिए रोजे के कारण दिन भर दाना पानी न पहुंचने से शरीर में सुस्ती और पानी की कमी हो जाती है। जिसकी भरपाई खजूर से तुरन्त हो जाती है। खजूर शरीर में गरमाहट बनाए रखने में भी मदद देती है। बताते चलें कि खजूर मीठा फल होने के कारण आंतों और शरीर को ताकत देता है। हदीस में खजूर के बहुत लाभ बताए गए हैं। इसकी लोकप्रियता और लाभ देखकर अब रेगिस्तानी क्षेत्रों के अलावा पश्चिम में भी इसकी खेती होने लगी है। यह अनगिनत

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खजूर।

प्रकार की होती है। इसमें अजबा शामी, मुब्शली बरनी के नाम से मुख्य है। खजूर की पैदावार अधिकतर अरब देशों में अधिक होती है। जिसका केन्द्र अरब, ईराक, अदन, मिश्र, ईरान, सीरिया, लीबिया सहित अरब के सभी देश शामिल है। जहां से खजूर पूरी दुनिया को बिक्री की जाती हैं। अरब और ईराकी खजूर को दुनिया की बेहतरीन खजूरों में शुमार किया जाता है। खजूर की इन किस्मों में नबी करीम सल. ने बरनी और अजबा खजूर को अपना पसंदीदा खजूर बताया है। अजबा खजूर आज भी सबसे महंगी और स्वादिष्ट होती है। यह छोटी-छोटी काले रंग की और खुश्क होती है। जबकि बरनी खजूर एक तरफ से मोटी होती है। इसमें गुठली न के बराबर होती है। अरब देशों में खजूर का गुड़ भी बनाया जाता है। कुरआन पाक में कई जगह खजूर की सिफतों में बीमारी का इलाज व शिफा भी साबित होती है। जो दवा का काम भी करती है। इसमें शर्करा कार्बोहाईड्रेटस, विटामिन एबी, धातविक चूना, खार लौह, मैगनीशियम गंधक, तांबा और वसा जैसे तत्व होते है। एक खजूर में लौह की मात्रा लगभग दस प्रतिशत होती है। आधा सेर खजूर से 1275 कैलोरी शरीर में उर्जा पहुंचती है। जिससे अफ्तार करना शक्तिवर्धक के साथ-साथ नबी करीम सल. सुन्नत भी है। यह अपने अन्दर पौष्टिक आहार की दुनिया बसाये हुए है। गर्म होने के कारण लकवा और फालिज में लाभदायक होती है। खांसी और दमें में भी यह फायदेमंद है। इसलिए नबी करीम सल0 ने फरमाया कि जिस घर में खजूर हो उस घर के लोग कभी भूखे नहीं रहेंगे।


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