संविधान, समता व संघर्ष का संकल्प
शिक्षा शेरनी का दूध हैः बाब साहेब
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । संविधान निर्माता, शोषितों के मसीहा व भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के मौके पर जिले में गांव से लेकर शहर तक उत्सव जैसा माहौल रहा। यह दिन न सिर्फ सामाजिक समता के प्रतीक के रूप में मनाया गया, बल्कि जिले की राजनीतिक, शैक्षणिक, और सामाजिक चेतना का भी अद्भुत संगम बना। सुबह-सवेरे निकली बौद्ध महासभा की धम्म यात्रा ने पटेल तिराहे से होते हुए धुस मैदान तक सामाजिक जागरूकता का संदेश फैलाया। विचार गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संविधान पाठ जैसे
![]() |
अम्बेडकर जयंती पर जुलूस निकालते अम्बेडकर जयंती समिति |
आयोजनों में स्कूली बच्चों से लेकर वरिष्ठ चिकित्सक व बुद्ध अनुयायियों तक की भागीदारी रही। शिक्षा के क्षेत्र में भी बाबा साहब की जयंती को समर्पित कर, सदर ब्लॉक के मुस्लिम पुरवा प्राथमिक विद्यालय में संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया। शिक्षकों व छात्रों ने शिक्षा शेरनी का दूध है के मंत्र को आत्मसात कर बाबा साहब की
![]() |
अम्बेडकर जयंती मनाते विद्यालय के शिक्षक |
विचारधारा को जीवंत किया। राजनीतिक दलों ने भी इस दिन को अपने-अपने तरीकों से महत्व दिया। भारतीय जनता पार्टी ने जिला अध्यक्ष महेन्द्र कोटार्य के नेतृत्व में 852 बूथों पर कार्यक्रम किए, जिसमें पूर्व सांसद भैरों प्रसाद
![]() |
अम्बेडकर जयंती मनाते कांग्रेसी |
मिश्र, पूर्व मंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, और पूर्व विधायक आनंद शुक्ला समेत अन्य दिग्गज नेता शामिल रहे। वहीं कांग्रेस जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष कुशल सिंह पटेल की अगुवाई में कार्यक्रम हुआ। संविधान की रक्षा और
![]() |
अम्बेडकर जयंती मनाते आप कार्यकर्ता |
समाज के कमजोर तबकों के अधिकारों की रक्षा को कांग्रेस ने बाबा साहब के सपनों की कसौटी बताया। इस मौके पर नए सदस्यों को पार्टी में शामिल भी किया गया। आप पार्टी ने बाबा साहेब के सपनों का भारत बनाने की
![]() |
अम्बेडकर जयंती मनाते माकपा कार्यकर्ता |
प्रतिबद्धता जताई। जिला अध्यक्ष सन्तोषी लाल शुक्ला के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी गई और सामाजिक समता की दिशा में कार्य करने का संकल्प दोहराया गया। उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व दलित महिला समिति ने गोष्ठी
![]() |
बेरोजगारी भत्ते की मांग करते पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष |
में संविधान पर मंडरा रहे संकट पर चिंता जताई गई। वक्ताओं ने संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान करते हुए बाबा साहब की विरासत को बचाने का संकल्प लिया।
No comments:
Post a Comment