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Sunday, July 7, 2024

स्काई ग्लास ब्रिज में मौजूदा डीएफओ का भी हुआ खेल

निर्माण कंपनी को हो गये भुगतान

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । पाठा क्षेत्र में पर्यटन विकास को सरकार के प्रयास के चलते ईको पर्यटन विकास बतौर काम हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से पर्यटन विकास कार्यों में पलीता लग रहा है। कार्यों में निर्माण के पहले ही भुगतान होने से तुलसी जलप्रपात में निर्माणाधीन स्काई ग्लास ब्रिज सीढ़ियों के नीचे प्लेटफार्म पर आई दरारों को लेकर गुणवत्ता पर सवाल खडे हुए हैं। रविवार को स्काई ग्लास ब्रिज निर्माण पूरा होने से पहले कार्यदाई संस्था को पूरा भुगतान होने पर विभागीय अधिकारियों पर सवाल खडे हुए हैं। मारकुंडी थाना क्षेत्र में तुलसी जलप्रपात में प्रदेश का पहला स्काई ग्लास ब्रिज बन रहा है। तीन करोड़ 70 लाख लागत से वन विभाग ने पवनसुत कांस्ट्रक्शन कंपनी गाजीपुर को काम दिया था। लोस चुनाव से पहले वन विभाग के दावे थे कि ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है। चार दिन पहले बारिश से ब्रिज की सीढ़ियों के नीचे प्लेटफार्म पर दरारें दिखी तो प्रशासन में

 स्काई ग्लास ब्रिज।

हडकंप मच गया। ब्रिज निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठे। वन विभाग के अधिकारी ये कहते हुए बचाव करने लगे कि काम अभी पूरा हुआ। ब्रिज हैंडओवर भी नहीं हुआ। हैंडओवर से पहले गुणवत्ता की जांच करायेंगे। ब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी को वन विभाग के पूर्व अधिकारियों ने मार्च 2023 तक पूरा भुगतान तीन करोड 70 लाख कैसे कर दिया। जबकि ब्रिज निर्माण की शुरुआत हुई थी। सवाल है कि उस दौरान ब्रिज का प्लेटफार्म बन रहा था, तो भुगतान कैसे हो गया। ब्रिज प्लेटफार्म में दरारें आने से सवाल खडे हो गये हैं। भुगतान के नियमों की अनदेखी हुई है। किसी भी निर्माण में कार्यदाई संस्था को निर्माण पूरा होने से पहले भुगतान नहीं होता। संबंधित विभाग हैंडओवर व सत्यापन के बाद भुगतान करता है। सेवानिवृत्त होने से पहले डीएफओ ने क्यों भुगतान किया। वन विभाग के डीएफओ की नजरें शासन से आवंटित बजट पर टिकी थी। इसी के चलते कार्य की वित्तीय व भौतिक प्रगति अनदेखी कर किश्तों में कार्य करा रही कंपनी को कैसे पूरा भुगतान कर दिया। निचले स्तर पर सुपरविजन करने वाले अधिकारी व कर्मचारी भी चुप रहे। पुल निर्माण शुरू होने से लेकर दो डीएफओ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। देखा जाये तो ये ब्रिज पाठा में अब तक हुए अन्य निर्माणों की भांति कमीशनखोरी का शिकार हो गया। डीएम शिवशरणप्पा जीएन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ब्रिज का निरीक्षण किया। स्काई ग्लास ब्रिज में दरारें खुद देखी हैं। निरीक्षण दौरान कमियां मिली हैं। सही कराने के निर्देश डीएफओ एनके सिंह को दिये हैं। एनके सिंह भी बडे खिलाडी हैं, उनका पेट कुछ ज्यादा बडा है। ब्रिज की कमियां दुरुस्त कराई जा रही हैं।


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