ऑनलाइन हाजिरी का फरमान दूसरे दिन भी रहा धड़ाम
पहले दिन 17 शिक्षकों ने ही लगाई थी हाजिरी, दूसरे दिन सिस्टम हैंग
फतेहपुर, मो. शमशाद । परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी लगाना और प्रार्थना सभा के दौरान फोटो भेजने का फरमान दूसरे दिन मंगलवार को भी धड़ाम रहा। जिले भर में बेसिक शिक्षा विभाग में 2126 स्कूलों में करीब 9500 शिक्षक हैं। इनमें से पहले दिन मात्र 17 शिक्षकों ने ही आनलाइन हाजिरी लगाई। दूसरे दिन भी शिक्षक, शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों का विरोध जारी रहा, शिक्षकों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री विजय त्रिपाठी ने कहा कि टैबलेट डिजिटलाइजेशन के मुद्दे पर गत दिनों में प्रत्येक बीआरसी कार्यालय पर एकत्रित होकर शिक्षकों ने प्रस्ताव पास किया गया। मांग की कि टैबलेट डिजिटलाइजेशन से पूर्व शिक्षक समस्याओं का निराकरण कराएं। वार्ता के बाद भी शिक्षको की विभिन्न समस्याओं का निराकरण अभी तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सम्मानित खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश को भेजा गया था। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा रजिस्ट्री भी की गई थी लेकिन उस पर कोई भी कारवाई नहीं हुई। हड़बड़ी में बिना शिक्षक समस्याओं का संज्ञान लिए बेसिक शिक्षा विभाग में सिर्फ शिक्षको के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश निर्गत किया गया। जबरदस्ती थोपे गए आदेश से शिक्षको में भारी आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार को समस्त ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर संगठन के पदाधिकारियों ने आवश्यक बैठक की। जिसमें विरोध जारी रखने का निर्णय लिया गया। महामंत्री ने बताया कि शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार और परिस्थितिजन्य विलंब होने पर हाफ डे अवकाश की व्यवस्था दी जाए लेकिन लगभग 8 महीने बीत जाने के बाद भी शासन द्वारा कोई ठोस करवाई नहीं हुई। शिक्षकों को आज भी यदि अन्य कार्यक्रमों के साथ साथ यदि खुद उनकी या उनके घर में शादी हो, या उनके घर में कोई कैजुअल्टी ही हो और उन्हें अवकाश की आवश्यकता हो, तो भी वे उसके लिए मेडिकल लीव लेने को बाध्य है। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों से आग्रह है कि शिक्षक को रोबोट समझने की बजाय उन्हें भी मनुष्य समझें और जायज मांगों का निराकरण करें।
चौहट्टा के प्राथमिक विद्यालय में ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में मुंडन कराते शिक्षक।
यह हैं शिक्षकों की मांगे
- - अन्य विभागों की तरह हाफ डे लीव अवकाश का दिया जाए।
- - राज्य कर्मचारियों की तरह 30 ईएल या महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति पीएल दिया जाए।
- - अन्य विभागों की तरह प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाये।
- - बीएसए को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता का अधिकार दिया जाये।
- - सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए।
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