बहेरा सादात में मौलाना ने किया मजलिस को खिताब
फतेहपुर, मो. शमशाद । शिया धर्म गुरु मौलाना वसी हसन खां फैजाबाद ने लेबनान में हसन नसरुल्लाह के कत्ल की मुजम्मत करते हुए कहा कि एहतजाज के साथ-साथ सब्र की भी जरूरत है। अल्लाह एक दिन जालिम को उसकी सजा देगा। उन्होंने इस बात पर अफसोस किया कि जिनकी महिलाएं, बच्चे और बूढ़े मारे जा रहे हैं दुनिया उन्हें ही आतंकवादी कह रही है और इजरायल के अत्याचारों पर खामोश है। उक्त मौलाना बहेरा सादात में एक मजलिस को खिताब करने आए थे। उन्होंने कहा कि किसी को पढ़ा देना या एक पेड़ लगा देना सबसे बड़ा पुण्य है।मौलाना ने कहा कि हम दुनिया से गुजारिश करेंगे कि तुझे इस सच्चाई पर बोलें कि इससे बड़ी दहशतगर्दी नहीं हो सकती कि लेबनान में रिहायशी इलाकों में हमले किए जा रहे हैं। स्कूली बच्चों को मारा जा रहा है। महिलाओं का कत्ल किया जा रहा है। निर्दाष इलाकों में बमबारी हो रही है। कत्ल के शिकार हुए हसन नसरुल्लाह का दोष इतना
मजलिस को खिताब करते शिया धर्म गुरू। |
है कि वे निर्दाष लोगों को बचा रहे थे और अपनी जमीन वापस लेने की लड़ाई लड़ रहे थे। हक के लिए लड़ने वालों को हमारी मीडिया आतंकवादी कहती है जबकि मानवता के हत्यारे इसराइल पर खामोश है। अपनी कौम को सब्र से काम लेने का पैगाम देते हुए मौलाना ने कहा कि इससे बड़ा आतंकवादी कौन होगा जो रिहायशी इलाकों में निर्दाष लोगों को मार रहा है। उन्होंने बताया कि मौला अली ने बेटों की वसीयत के तौर पर कहा था कि जालिम से नफरत करते रहना और मजलूम का मददगार बने रहना। हसन नसरुल्लाह अवाम को बचाने और अपनी जमीन वापस लेने की लड़ाई में शहीद हुए। यह कहां का इंसाफ है कि उन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है जो निर्दाषों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। अमेरिका की शह पर पूरी दुनिया में अन्याय हो रहा है जो लोग इजरायल के साथ खड़े हैं, वे इंसानियत के दुश्मन हैं। कोई भी सच्चा इंसान निर्दाष बच्चों,औरतों और बूढ़ों के कत्ल को जायज नहीं ठहराएगा और इसराइल आज यही कर रहा है। मौलाना ने आगे कहा कि किसी को पढ़ा देना और एक पेड़ लगा देना बहुत बड़ा पुण्य है। किसानों को सबसे ज्यादा सवाब मिलता है क्योंकि वे हम सबका पेट भरते हैं। मंगलवार को मौलाना ने बहेरा सादात में शमशाद मरहूम के चालीसवें की मजलिस को खिताब किया।
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