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Friday, October 4, 2024

शिविर में बंदियों को दी गईं जानकारियां

अपर जिला जज ने मंडल कारागार का किया निरीक्षण

बांदा, के एस दुबे । जिला जज डा. बब्बू सारंग के निर्देष पर जनपद कारागार में धारा 479 के तहत जेल में बंद बंदियों को प्रदत्त विधिक सेवाओं के बारे में षिविर का आयोजन कर जागरूक किया गया। इसके बाद कारागार का निरीक्षण भी किया गया। अध्यक्षता अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीपाल सिंह ने की। शिविर में बन्दियों को बताया गया कि उच्चतम् न्यायालय नई दिल्ली ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-479 देश के समस्त विचाराधीन बन्दियों पर पूर्वव्यापी रुप से लागू होगी। यह प्रावधान दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 सीआरपीसी की धारा-436ए की जगह लेता हैं जिसमें कुछ शर्तों के आधीन विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा करने की अनुमति देता है। बीएनएसएस की धारा 479 के प्रावधान

शिविर के दौरान मौजूद न्यायाधीष व अन्य

में पहली बार अपराध करने वालों (जिन्हे पहले कभी किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो) के लिए नयी छूट प्रदान की गयी हैं। यदि जेलबन्दी किसी अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि की एक तिहाई अवधि तक हिरासत में रहा है तो उसे जमानत पर रिहा कर दिया जायेगा। धारा-436ए सीआरपीसी० में यह प्रावधान निर्धारित अधिकतम अवधि का आधा था। मूलचन्द्र कुशवाहा चीफ तथा विकान्त सिंह-डिप्टी चीफ, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा भी बन्दियों को विधिक सेवाओं के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। इसके बाद सचिव ने पाकशाला, अस्पताल एवं बैरकों का निरीक्षण भी किया। शिविर में लगभग 15 जेल बन्दियों को विधिक सहायता प्रदान की गयी। बन्दियों से उनके खान-पान व स्वास्थ्य के सम्बंध में भी जानाकरी ली गयी जहां बन्दियों द्वारा सन्तोषजनक उत्तर दिये गये। इस शिविर में राजेश कुमार मौर्या जेलर, आलोक त्रिवेदी उपजेलर तथा राशिद अहमद अन्सारी डीईओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उपस्थित रहे।


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