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Wednesday, November 13, 2024

कार्तिक पूर्णिमा ,श्री गुरू नानक जयन्ती देव दीपावली 15 नवम्बर को

15  नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा, श्री गुरू नानक जयन्ती मनाई जाएगी, कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 15  नवंबर को प्रात: 06:19  से हो रही है। इसका समापन अगले दिन 16  नवंबर को  प्रात: 02:58  पर होगा। ऐसे में उदयातिथि अनुसार  कार्तिक पूर्णिमा 15  नवंबर  को मनाई जाएगी। इस बार  कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा मेष राशि में होकर मंगल के साथ राशि परिवर्तन योग बनाएंगे, साथ ही मंगल और चंद्रमा के एक दूसरे से चतुर्थ दशम होने से धन योग भी बनेगा। चंद्रमा और गुरु के एक दूसरे से द्विद्वाश योग होने से सुनफा योग भी बनेगा।  शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि में विराजमान हैं  इस दिन शश राजयोग भी बन रहा है,  कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है इस दिन भगवान विष्णु का प्रथम मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत, पूजन और दान करने का विधान है। कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान एवं तीर्थ स्थान पर स्नान - दान का बड़ा महत्व है। गंगा स्नान कर  दान करने से अनन्त पुण्य फल की प्राप्ति होती है। सायंकाल दीपदान किया जाता है। राजस्थान में पुष्कर मेला भी इस दिन प्रारम्भ होता  है ।

 

    हर साल दिवाली के 15 दिन बाद और कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को प्रदोष काल में देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है यह पर्व मुख्य रूप से काशी में गंगा नदी के तट पर मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता काशी की पवित्र भूमि पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं। देवों की इस दिवाली पर वाराणसी के घाटों को मिट्टी के दीयों से सजाया जाता है। काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर  का वध किया था इसलिए देवताओं ने स्वर्ग में दीपक जलाए थे। इस दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाये जाते  है प्रातः गंगा में स्नान के बाद सांयकाल घाटों और मन्दिरों को दीये से सजाया जाता है।दीपक जलाने के साथ ही भगवान शिव के दर्शन करने और उनका अभिषेक करने की भी परंपरा है । ऐसा करने से व्यक्ति को ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। साथ ही स्वास्थ्य अच्छा रहता है और आयु में बढ़ोतरी होती है।- ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ

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