चित्रकूट ब्यूरो, सुखेन्द्र अग्रहरि : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश के निर्देशों के अनुपालन में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील की अध्यक्षता में विधिक सेवा दिवस के अवसर पर राजकीय सम्प्रेक्षण गृह व जिला कारागार में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। राजकीय बाला संप्रेक्षण गृह में आयोजित शिविर में प्रभारी जनपद न्यायाधीश अनुराग कुरील ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस प्रतिवर्ष नौ नवम्बर को मनाया जाता है, यह दिन न्याय तक समान पहुँच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपेक्षित समुदायों को सशक्त बनाने पर जोर देता है। विधिक सेवा दिवस का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को न्याय व कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। कहा कि आज भी समाज में कई ऐसे वर्ग है, जिनके लिए कानूनी प्रक्रिया को समझना और न्याय तक पहुँचना कठिन है। ऐसे में कानूनी सेवा दिवस एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे गरीब, वंचित व अशिक्षित नागरिक कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होते है। मुख्य न्याय रक्षक गया प्रसाद निषाद ने बताया कि कानूनी सेवा दिवस की शुरुआत भारत में 1996 में की गयी थी। इस दिवस के आयोजन पर विशेषकर गरीब व पिछड़े वर्गों को समान व सस्ती कानूनी सेवाएँ प्रदान की जाती है। इस दौरान राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में निर्वासित बालअपचारियों के मध्य गणित विषय की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले कुल आठ बाल अपचारियों को प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने मेडल पहनाकर सम्मानित किया। साथ ही बाल अपचारियों को मिठाईयां भी बांटी। इस मौके पर बाल संप्रक्षण गृह (किशोर) अधीक्षक बीर सिंह, सहायक न्याय रक्षक योगेन्द्र सिंह, अधिकार मित्र रामसागर व साकेत सैनी सहित सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारीगण मौजूद रहे।
इसी प्रकार विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जिला कारगार में भी विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने जेल में निरुद्ध बन्दियों को विधिक अधिकारों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि जेल में सभी कैदी किसी गलती के कारण यहां निरुद्ध है। उन्होंने कहा कि आप सभी यहां से निकलने के बाद एक अच्छे नागरिक बन सकते हैं। कहा कि जेल में निरुद्ध रहते हुए आप सभी विभिन्न तकनीकी ज्ञान को सीखकर योग्य बने तथा जेल से रिहा होने के बाद एक नई पहचान के साथ समाज में एक सम्मान की जिन्दगी जियें और दूसरे को प्रेरणा भी दें। प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने कानूनी सेवा दिवस के अवसर पर जिला कारागार चित्रकूट में निरुद्ध बन्दियों को विभिन्न कानूनों की जानकारी देकर जागरुक किया। इस मौके पर जेल अधीक्षक शशांक पाण्डेय, उपकारापाल रजनीश कुमार सिंह, मुख्य न्याय रक्षक गया प्रसाद निषाद, सहायक न्याय रक्षक योगेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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