घोटाले-घपलो पर सन्नाटा
रंग फीके, आंदोलन की ज्वाला भड़की
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जब पूरा देश रंगों की मस्ती में डूबा था, तब ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने होली का बहिष्कार कर संघर्ष का अलख जला दिया। प्रशासन की बेरुखी व अनदेखी के खिलाफ कर्मचारियों ने न रंग खेला, न गुलाल उड़ाया, बल्कि भूखे-प्यासे अनशन पर बैठकर अपनी नाराजगी जाहिर की। चार फरवरी से शुरू हुई सांकेतिक हड़ताल 20 फरवरी को भूख हड़ताल में बदली, लेकिन जब प्रशासन ने आंखें बंद कर लीं, तो कर्मचारियों ने होली न मनाने का संकल्प ले लिया। 8 मार्च, महिला दिवस से महिला कर्मचारी भी इस आंदोलन में कूद पड़ीं, जिससे यह विरोध और भी मजबूत हो गया।
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हडताल में बैठे विवि कर्मचारीगण |
कर्मचारियों का आरोप है कि पेंशन योजना में बड़ा घोटाला हुआ है और पीएफ फंड में भी भारी गड़बड़ियां की गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर जवाब देने के बजाय कानों में रुई ठूंसकर बैठा है। कहा कि यह लड़ाई सिर्फ वेतन या भत्तों की नहीं, बल्कि उनके हक, सम्मान और भविष्य की है। रंगों के त्योहार पर जहां पूरा देश खुशियां मना रहा था, वहीं ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघर्ष की आग में तप रहे थे। कर्मचारियों ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और भी उग्र होगा। वहीं इस संबंध में जिम्मेदार से बात करने की कोशिश की गई पर बात नही हो सकी।
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