छात्राओं ने आधुनिक विधियों व तकनीकों को समझा
फतेहपुर, मो. शमशाद । डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय महिला स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय की विज्ञान संकाय की छात्राओं को स्थानीय मशरूम खेती का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने हेतु एक शैक्षिक भ्रमण पर भेजा गया। इस भ्रमण का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. गुलशन सक्सेना के निर्देशन में किया गया। इस शैक्षिक यात्रा का नेतृत्व डॉ. अनुष्का छौंकर और डॉ. राजकुमार ने किया जिनकी देखरेख में छात्राओं ने मशरूम उत्पादन की आधुनिक विधियों और तकनीकों को समझा। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को मशरूम की खेती की वैज्ञानिक पद्धतियों से अवगत कराना था। जिससे वे जैविक कृषि और सूक्ष्मजीव विज्ञान के क्षेत्र में गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकें। मशरूम खेती केंद्र के विशेषज्ञों ने छात्रों को बीजारोपण (स्पॉनिंग), खाद निर्माण (सब्सट्रेट प्रिपरेशन), वृद्धि की परिस्थितियां (ग्रोथ कंडीशंस) और कटाई (हार्वेस्टिंग) की पूरी प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रदर्शन
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मशरूम खेती के व्यावहारिक ज्ञान हेतु भ्रमण करतीं छात्राएं। |
किया। छात्राओं ने विशेष रूप से सीखा कि तापमान, आर्द्रता और वायुवीजन (वेंटिलेशन) का मशरूम की वृद्धि पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के मशरूम जैसे बटन मशरूम और ऑयस्टर मशरूम की खेती की तकनीकों को भी समझा। विशेषज्ञों ने जैविक अपशिष्ट से मशरूम उत्पादन के पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ के बारे में भी जानकारी दी, जिससे छात्रों में स्थायी कृषि सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के प्रति जागरूकता बढ़ी। डॉ. अनुष्का छौंकर और डॉ. राज कुमार ने छात्रों को बताया कि मशरूम खेती न केवल एक लाभदायक व्यवसाय है, बल्कि यह पोषण और खाद्य सुरक्षा का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने यह भी समझाया कि मशरूम में प्रोटीन, विटामिन, और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इसे स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं। इस शैक्षिक यात्रा से छात्रों ने न केवल मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक विधियां सीखीं बल्कि उन्हें व्यवसायिक संभावनाओं और रोजगार के नए अवसरों के बारे में भी जानकारी मिली। छात्रों ने मशरूम उत्पादन के विभिन्न चरणों को प्रत्यक्ष रूप से देखकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया और इसे एक भविष्य की संभावित करियर दिशा के रूप में देखने की प्रेरणा प्राप्त की। यात्रा के अंत में छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए और इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए शिक्षकों और मशरूम खेती केंद्र के विशेषज्ञों का आभार प्रकट किया। यह शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक साबित हुआ, जिससे उन्हें कृषि जैव प्रौद्योगिकी और खाद्य विज्ञान के क्षेत्र में नवीन संभावनाओं की जानकारी मिली।
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