खतरे में गांव व किसानों की फसलें
लापरवाही या प्राकृतिक आपदा?
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । मानिकपुर के रानीपुर टाइगर रिजर्व में लगी भीषण आग ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। मानिकपुर वनपरिक्षेत्र के अगहार प्लांटेशन में भड़की इस आग ने जंगल के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही है, जिससे न सिर्फ वनसंपदा जलकर खाक हो रही है, बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। जंगल के अंदर चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है, जिससे वन्यजीवों का अस्तित्व संकट में पड़ गया है। हर साल गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगती है, लेकिन वन विभाग इसे रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित होता आया है। आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग के पास कोई
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जंगल में लगी भीषण आग |
आधुनिक उपकरण नहीं हैं। कर्मचारी सिर्फ लाठी-डंडों के सहारे आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर जल्द से जल्द इस आग को नियंत्रित नहीं किया गया तो आसपास के गांवों और किसानों की फसलें भी इसकी चपेट में आ सकती हैं। ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है, लेकिन जिम्मेदार विभागीय अधिकारी घटनास्थल से नदारद हैं। जंगल की इस तबाही को रोकने के लिए ’’स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हर साल लगने वाली इन आग की घटनाओं से सबक लेते हुए वन विभाग को बेहतर संसाधन और
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लाठी डंडो से आग बुझाते वनकर्मी |
आधुनिक तकनीक से लैस किया जाना चाहिए। यदि समय रहते कोई कारगर योजना नहीं बनाई गई, तो आने वाले समय में यह संकट और भी विकराल हो सकता है। वहीं इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी से बात की गई तो कहा कि कोशिश जारी है, जल्द ही काबू पा लिया जाएगा।
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