कस्बे के मढ़ीदाई मंदिर में श्री हरि कथा का हुआ समापन
बबेरू, के एस दुबे । कस्बे के मां मढ़ी दाई मन्दिर परिसर में चल रहे श्रीहरि कथा के समापन दिवस पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक सर्वश्री आशुतोष महाराज के शिष्य कथा व्यास स्वामी हरि प्रकाशानन्द जी ने गुरु तत्व की सारगर्भित व्याख्या की। स्वामी जी ने बताया गुरु गीता में भगवान शिव कहते हैं, कि हमारे अन्त: करण में स्थित ईश्वर का दीक्षा के समय ही तृतीय नेत्र खोलकर प्रत्यक्ष दर्शन करा दे, वही गुरु है, और जो दर्शन कर ले वही सच्चा शिष्य है। अन्य महापुरुषो ने भी कहा है गुरू सहिये प्रकाश। मेटे अज्ञानता ज्ञान से गुरु नाम है तास। स्वामी विश्वनाथानंद जी ने बताया की जिस ईश्वर को अज्ञानतावश मनुष्य बाहर दूढता फिरता है, वह प्रकाश रूप में उसी के अन्त:करण में सदैव विद्यमान है। वर्तमान समय में गुरुदेव सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की
हरि कथा के दौरान मंचासीन कथा व्यास |
कृपा से ईश्वर दर्शन प्राप्त करने वाले जिज्ञासुओं को वही ब्रम्हज्ञान की दीक्षा निष्काम भाव से प्रदान की जा रही है, परमात्मा खोजियों का संस्थान में स्वागत है, भव्य भण्डारे द्वारा समापन होगा। मंच संचालन स्वामी दिव्येश्वरानंद भजन सूर्य प्रकाश,सोमेश, साध्वी राधा माता जी बहन नेहा,बहन यशस्वी द्वारा सुंदर प्रस्तुति किया। कथा पांडाल श्रोताओं के तालियों व भगवान के जय घोष से गुंजायमान रहा। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष सूर्यपाल यादव,राम स्वयंबर पाण्डेय, रामहित पटेल,मुन्ना सिंह, रामहित पटेल, विष्णु नरेश मिश्रा, धर्मपाल सत्यनारायण गुप्ता, प्रकाश नारायण चौबे,मनोज सोनी, अमरेश द्विवेदी, शोभित सहित भक्तजन माताएं बहनें कथा श्रवण किया।
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