अग्नि सुरक्षा के मानकों को भी पूरा किए जाने के निर्देश
डीएम व एसपी ने संयुक्त रूप से ली पीस कमेटी की बैठक
फतेहपुर, मो. शमशाद । शारदीय नवरात्रि, रामलीला, दशहरा आदि त्योहारों को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए गुरुवार को डीएम रविंद्र सिंह एवं एसपी धवल जायसवाल के संयुक्त तत्वाधान में संबंधितों के साथ पीस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें डीएम ने जहां अधिकारियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए तो वहीं गणमान्य लोगों से भी प्रशासन का सहयोग करते हुए आपसी सौहार्द के साथ त्योहार मनाने की अपील की। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पण्डाल बनाने में कहीं भी प्लास्टिक, थर्माकोल, पॉलीथीन या जल्द आग पकड़ने वाली किसी भी समाग्री का प्रयोग नहीं किया जाए।
पीस कमेटी की बैठक में भाग लेते डीएम व एसपी। |
विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने आयोजकों, पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों, जनता जनार्दन से परिचय प्राप्त करते हुए उनकी समस्याओं व सुझावों को जाना। डीएम ने सभी एसडीएम, अधिशासी अभियन्ता पीडब्लूडी, विद्युत, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय, थानाध्यक्ष को निर्देशित करते हुए कहा कि रामलीला आयोजकों, दुर्गापूजा पंडाल व्यवस्थापकों, पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए आयोजन स्थल व रूट पर पैदल भ्रमण करते हुए सभी आवश्यक बिन्दुओं निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि परम्परागत जो आयोजन जिस रूप में अनवरत चले आ रहे हैं, उसी रूप में होगें। किसी भी नई परम्परा-परिपाटी की शुरूआत नहीं होगी। वहीं पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में निर्देश दिए। इस मौके पर सीडीओ पवन कुमार मीना, अपर जिलाधिकारी वित्त-राजस्व अविनाश त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक धीरेंद्र प्रताप, समेत अन्य सम्बंधित अधिकारी, व्यापारी आयोजक समेत गणमान्य लोग मौजूद रहे।
स्ट्रीट लाईट, पानी की हो समुचित व्यवस्था
बैठक में डीएम ने ईओ से कहा कि आयोजन स्थल पर डस्टबिन रखे। स्ट्रीट लाईट, पानी आदि की समुचित व्यवस्था कराएं। साथ ही सड़कों में जल भराव की स्थिति न रहे। उन्होंने कहा कि त्योहारों में यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखी जाय एवं सभी लोग आपसी भाईचारे, सद्भाव, हर्षाल्लास के साथ मिलजुलकर त्योहारों को मनाएं।
अराजकता फैलाने पर कठोर कार्यवाही
डीएम ने कहा कि त्योहारों में असमाजिक व अराजकता फैलाने वाले तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। मूर्ति विसर्जन नदी में न होकर चिन्ह्ति तालाब या गड्ढों में ही किया जाए। शोभायात्रा, जुलूस वाले रास्तो मे पड़ने वाले मीट की दुकाने ढककर चलाये ताकि किसी की धार्मिक भावना आहट न हो।
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