शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई साल रहते हैं फिर दूसरी राशि में गोचर करते हैं। शनि अभी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं शनि के कुंभ राशि में रहने के कारण मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है , वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालो पर ढैय्या चल रही है जो 29 मार्च 2025 तक रहेगी। इस वर्ष शनि 29 जून को वक्रीय ( उलटी चाल) हुये थे अब 140 दिन बाद शुक्रवार 15 नवंबर रात्रि 08:08 बजे से शनि मार्गी ( सीधी चाल) हो जाएगे । शनि 29 मार्च 2025 को कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मफलदाता और दंडाधिकारी माना जाता है। मान्यता है कि शनि की चाल का लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कोई व्यक्ति शनि की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा, साढ़ेसाती, ढैय्या से गुजर रहा है तो उस व्यक्ति पर अधिक प्रभाव डालेगा। शनि की सीधी चाल का सभी राशियों पर प्रभाव-
वृषभ राशि - धन आगमन होगा, माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें , कार्य व्यापार में उन्नति होगी।
मिथुन राशि - धार्मिक यात्राओं से लाभ प्राप्त होगा नया व्यापार शुरू करें भाग्य का साथ मिलेगा राजनीति में हैं तो सफलता मिलेगी।
कर्क राशि - आप अभी शनि की ढहिया से प्रभावित हैं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है मानसिक रूप से समस्याएं बनी रहेगी।
सिंह राशि - दाम्पत्य भाव में गोचर करते हुए मार्गी शनि देव का प्रभाव मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र की दृष्टि से समय बेहतर रहेगा। किसी भी तरह के साझा व्यापार करने से बचें।
कन्या राशि- शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में जीत होगी, स्वास्थ में सुधर होगा, कार्य संपन्न होंगे।
तुला राशि - कार्यो में सफलता दिलाएगा। विद्यार्थियों और प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए तो यह समय बेहतर रहेगा
वृश्चिक राशि - जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों का निपटारा करेगा। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद भी हल होंगे। शनि की ढैय्या है आर्थिक परेशानियां रहेंगी
धनु राशि - धर्म और आध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। तीर्थ-यात्रा का भी योग बनेगा। कार्य-व्यापार के लिए अच्छा है।
मकर राशि - आर्थिक पक्ष मजबूत करेगा, उधार दिया पैसा मिल सकता है, साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है कुछ रुकावटें आ सकती हैं।
कुंभ राशि - सामाजिक पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सफलता कारक, सेहत का ध्यान रखे, व्यापर में लाभ।
मीन राशि - मिलाजुला फल मिलेगा व्यय बढ़ेगा । कोर्ट-कचहरी से बचे, सेहत का ध्यान रखे।
शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अपना आचरण, कर्म अच्छे रखे, हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है, हनुमान जी की पूजा, भगवान शिव की पूजा, पीपल और शमी वृक्ष की पूजा, सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से शनि दोष कम होता है । शनि मन्त्र जाप करे, शनिवार को तेल काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पलों का दान भी किया जा सकता है। शनिवार शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाये। गरीबो, मज़दूरों, पशु , पक्षीयो की सेवा करे.
- ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ
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