चित्रकूट ब्यूरो, सुखेन्द्र अग्रहरि : उत्तर प्रदेश के संस्कृत मानदेय शिक्षकों का प्रदेश स्तरीय संस्कृत शिक्षक सम्मेलन एवं परिचर्चा श्री जयदेव वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय कर्वी चित्रकूट में आयोजित किया गया। जिसकी शुरुआत स्वस्तिवाचन के साथ माता सरस्वती की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित कर किया गया। सम्मेलन में मानदेय शिक्षकों ने सामूहिक रूप से एकमत होकर निर्णय लिया कि मानदेय संस्कृत शिक्षकों की मूल समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराकर समस्याओं के निराकरण के लिए निवेदन किया जाएगा। मानदेय संस्कृत शिक्षकों ने बताया कि संस्कृत विद्यालयों में कठिन चयन प्रक्रिया के बाद अल्प मानदेय में नियुक्त सैकड़ो शिक्षक शिक्षा से सम्बन्धित सारे कार्य कर रहें हैं। वहीं अन्य समकक्ष विद्यालयों यथा कस्तूरबा, सर्वोदय, आश्रम पद्धति आदि माध्यमिक विद्यालयों में संविदा शिक्षकों का वेतन मानदेय संस्कृत शिक्षकों से बहुत ज्यादा अधिक है। अल्प मानदेय में लम्बी दूरी तय करके विद्यालय जाने वाले शिक्षकों ने बताया कि इतने कम मानदेय में जीवन निर्वाह करना एक
बड़ी चुनौती है। सम्मेलन में यह तय किया गया कि अन्य माध्यमिक विद्यालयों के समकक्ष बराबर मानदेय वृद्धि एवं विनियमितीकरण के संघर्ष के लिए प्रदेश स्तर पर रणनीति तय की जाएगी। मानदेय शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए तत्पर है एवं प्राचीन देवभाषा संस्कृत को बढ़ाने के लिए बीते वर्षों में संस्कृत विद्यालयों में मानदेय शिक्षकों की तैनाती भी की है जिससे संस्कृत विद्यालयों की दिशा व दशा में सुधार आया है व छात्र संख्या में वृद्धि हुई है। शिक्षकों ने हाल ही में संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। वहीं प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये शिक्षको ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मानदेय शिक्षकों की वेतन वृद्धि व विनियमितीकरण पर विचार किया जाए, जिससे सैकड़ों परिवारों का भला हो सके। इस मौके पर मानदेय संस्कृत शिक्षक मौजूद रहे।
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