रजत पदक के लिए चार और कांस्य पदक के लिए 19 ग्राम पंचायतें चयनित
बांदा, के एस दुबे । भारत सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2025 निर्धारित किया गया है। सेन्ट्रल टीवी डिवीजन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली की ओर से जारी सूची के मुताबिक राष्ट्रीय जन कार्यक्रम के तहत जिले में वर्ष 2024 में कुल 23 ग्राम पंचायतों को क्षय रोग मुक्त घोषित किया गया है। इसमें चार ग्राम पंचायतों को रजत पदक और 19 ग्राम पंचायतों को कांस्य पदक के लिए चयनित किया गया है। टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी जे. रीभा ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में महात्मा गांधी की प्रतिमा और व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वर्ष 2024 में टीबी मुक्त घोषित हुई (रजत) के लिए जिन ग्राम पंचायतों का चयन हुआ उसमें दोहतरा, मडौलीकला, गौरीखुर्द, इटवां ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इसके साथ ही कांस्य पदक के लिए सिंहपुर, वासिलपुर, तनगामऊ, प्रेमपुर, मुगौरा, खॉनपुर, घुरौडा, दिवली, बरछा
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ग्राम प्रधान को प्रशस्ति पत्र देतीं जिलाधिकारी जे. रीभा। |
डडिया, संग्रामपुर, सिंधौटी, गोरेमऊ, छेहराव, पचुल्ला, उजरेहटा, कुरौली, चन्द्रायल, लमहेटा, फुफंदी ग्राम पंचायतों के प्रधानों को सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये बताया कि सभी ग्राम प्रधान अपने ग्राम पंचायत के टीबी रोगियों की जांच व इलाज लेने के लिये प्रेरित करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजेन्द्र सिंह ने टीबी मरीजों को गोद लेने व निक्षय मित्र बनने के लिये प्रधावों से अनुरोध किया। इसी के साथ जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, द्वारा टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गई। उत्कृष्ट कार्य करने कले एनटीईपी के कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अजय कुमार द्वारा ग्राम प्रधानो का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डब्लूएचओ कन्सल्टेन्ट डॉ. पवन पॉलीवाल व सभी सीएचसी प्रभारी और डीपीसी, डीपीपीएमसी, एसटीएस, एसटएलस, टीबीएचवी, एलटी डीपीएम आदि उपस्थित रहे।
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