मरीज को ओआरएस के घोल पिलाएं, नज़दीकी सरकारी अस्पताल में दिखाएं
फतेहपुर, मो. शमशाद । गर्मियों के मौसम को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी राजीव नयन गिरि ने गाइड लाइन जारी कर लोगों को बढ़ते तापमान व हीट स्ट्रोक से बचाव के उपायों व होने वाली दिक्कतों से आगाह किया है। गर्मियों के मौसम में बड़ी संख्या में छोटे बच्चे समेत सामान्य लोग भी लू लगने व हीट स्ट्रोक के चलते बीमार होते हैं। कभी कभी तो हीट स्ट्रोक के चलते रोगी की मृत्यु तक हो जाती है। गर्मियो के मौसम में खुद को अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए दोपहर धूप में निकलने से बचना चाहिए। आवश्यक होने पर सावधानी बरतने से हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
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सीएमओ राजीव नयन गिरि। |
सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी राजीव नयन गिरि ने प्रेस रिलीज़ के माध्यम से वक्तव्य जारी कर बताया कि हीट वेव (लू) के कारण शरीर की कार्य प्रणाली प्रभावित हो जाती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। हीट वेव के लक्षण की पहचान कर उसके बचाव के उपायों एवं प्राथमिक उपचार से बहुत हद तक प्रभावित होने से बचा जा सकता है। घबराहट, चक्कर आना, गर्म लाल और सूखी त्वचा, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, मतली या उल्टी आना शरीर का तापमान 40 सेल्जियम या 104 डिग्री फारेनहाईट, बहुत तेज सिरदर्द आदि लक्षण हैं। उन्होने बताया कि हीट वेव के दौरान अधिक से अधिक पानी पीयें, यात्रा करते समय पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ पानी रखें, पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के वस्त्र ही पहने, गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें, दोपहर 12 बजे से अपरान्ह तीन बजे के मध्य धूप में जाने से बचें, यदि धूप में जाना जरुरी हो तो चश्में, छाते, टोपी व चप्पल आदि को प्रयोग करें। यदि खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ-पैरो से गीले कपड़े से ढके रहें और यदि संभव हो तो छाते का प्रयोग करें, ओआरएस अथवा घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माङ), नीबू पानी, छॉछ आदि का उपयोग करें। ताकि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सकें, अपने घरों को ठंडा रखें, दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। सांयकाल व प्रातः के समय घर के दरवाजे खिड़कियों को खोलकर रखें। श्रमसाध्य कार्यों को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें। कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें एवं कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें, स्नान करें, गर्भस्थ महिलाओं, एक वर्ष से कम आयु तथा अन्य छोटे शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें, हृदय एवं उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्तियों एवं बाह्य वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्तियों को अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
हीट वेव में क्या न करें
बच्चों व पालतू जानवारों को खड़ी कारों/गाडियों में न छोड़ें, अधिक प्रोटीन वाले खाद्य प्रदार्थ के प्रयोग से यथा संभव बचें, बासी भोजन का प्रयोग न करें, शराब, चाय, काफी, कोर्बानेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग से बचें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रमसाध्य कार्य न करें।
तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें
हीट वेव से ग्रसित मरीज़ों को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। ओआरएस का घोल पिलाने के साथ ही अपने नजदीकी जिला अस्पताल या प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से उचित सलाह लें व चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें।
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