राष्ट्रपति को भेजा सात सूत्रीय ज्ञापन
फतेहपुर, मो. शमशाद । बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के पदाधिकारियों ने बोधगया महाविहार मुक्ति आंदोलन के तहत शनिवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया तत्पश्चात प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर सभी मांगों को पूरा किए जाने की आवाज उठाई। बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के जिला महासचिव बौद्धाचार्य भंगी राजतिलक के नेतृत्व में पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में बताया कि महाबोधि टेंपल एक्ट 1949 बौद्धो ने नहीं बनाया। यह तो ब्राम्हणों ने अपना वर्चस्व कायम करने के लिए बनाया था। उसके माध्यम से ब्राम्हणों का महाबोधि महाविहार पर नाजायज कब्जा हो गया। इसलिए इस एक्ट को रद्द करके नया एक्ट बनाया जाए। जिसके सभी सदस्य बौद्धों को होना चाहिए। महाबोधि
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कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपते संगठन के पदाधिकारी। |
महाविहार परिसर में शिवलिंग कैसे है? बीटीएमसी क्या कर रही है? यह बौद्धो की विश्व धरोहर है। इसकी पुष्टि फाह्यान और ह्वेनसांग के सफरनामे और महाबोधि महाविहार उत्खनन रिपोर्ट से सिद्ध होता है। इसलिए इस स्थल को बौद्धों के सुपुर्द किया जाना चाहिए। महाबोधि महाविहार के आस-पास के परिसर में विधर्मी लोग बड़े पैमाने पर लाउडस्पीकर लगाकर माहौल को खराब कर रहे हैं। इसको संज्ञान में लिया जाए। इसके पास ही सम्राट अशोक महल था जिसे फ्रांसीस बुकानन ने देखा था। उसे ढूढ़कर बोधगया का इतिहास उजागर किया जाए। ईवीएम मशीन को हटाकर समस्त चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं। इस मौके पर पप्पू किशोर, फूल सिंह, उमेश लोधी, चौधरी भक्तदास भी मौजूद रहे।
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