राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर किसानों के हित में उचित निर्णय लिए जाने की मांग
फतेहपुर, मो. शमशाद । भारतीय किसान यूनियन की एक बैठक नहर कालोनी प्रांगण में आयोजित हुई। जिसमें वार्ता से लौट रहे किसानों को पंजाब सरकार द्वारा तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाकर हटाए जाने व बुजुर्ग व महिला किसानों को डिटेन किए जाने पर नाराजगी जताई गई। तत्पश्चात राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर किसानों के हित में उचित निर्णय लिए जाने की मांग की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष अशोक उत्तम पटेल ने कहा कि देश का किसान अपनी फसलों के वाजिब भाव के साथ उसकी गारंटी कानून की मांग को लेकर दिल्ली आंदोलन से संघर्ष कर रहा है। देश के दो बड़े किसान मोर्चों सहित कुछ जत्थेबंदियां हरियाणा व पंजाब बार्डर पर तेरह माह से भी अधिक समय से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। केंद्र सरकार किसानों से सभी विषयों को लेकर वार्ता कर रही
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नहर कालोनी प्रांगण में बैठक करते भाकियू पदाधिकारी। |
थी लेकिन 19 मार्च को जब किसान संगठन व सरकार के मध्य वार्ता समाप्त हुई तो उसके पश्चात वापस अपने मोर्चों पर लौट रहे किसान नेताआें को पंजाब सरकार ने गिरफ्तार कर लिया और दोनों मोर्चों को प्रशासन ने तानाशाही रवैये से हटा दिया। इतना ही नहीं वहां मौजूद बुजुर्ग व महिला किसानों को भी डिटेन किया गया। जिससे देश भर के किसानों में रोष व्याप्त है। बैठक के पश्चात संगठन ने प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर मामले को गंभीरता से लेते हुए देश के किसानों के हित में उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, महामंत्री नवल सिंह पटेल, विवेक सिंह, नागेन्द्र सिंह यादव, रनमन सिंह, सुरेन्द्र पटेल, अतुल कुमार, मुन्ना शेख, सोलंकी सिंह, भानु प्रताप, पप्पू सिंह, कप्तान सिंह यादव, अनूप सैनी भी मौजूद रहे।
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